क्या एकलव्य स्कूल आदिवासी संस्कृति का संरक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे?: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

Click to start listening
क्या एकलव्य स्कूल आदिवासी संस्कृति का संरक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे?: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

सारांश

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने आदिवासी छात्रों के लिए गुणवत्ता वाली शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण हेतु छह नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के निर्माण की घोषणा की। यह पहल मार्च 2026 तक पूरी होगी, जिससे आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।

Key Takeaways

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य आदिवासी छात्रों के लिए
  • कुल 21 ईएमआरएस की स्वीकृति
  • मार्च 2026 तक छह नए विद्यालयों का निर्माण
  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में वृद्धि
  • आदिवासी संस्कृति का संरक्षण

अगरतला, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गुरुवार को यह बताया कि आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और स्वदेशी लोगों की संस्कृति और भाषाओं का संरक्षण करने के लिए मार्च 2026 तक छह और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने पश्चिमी त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले के जम्पुइजाला में 480 सीटों वाले ईएमआरएस का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।

उन्होंने बताया कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत में सभी ने ईएमआरएस का लाभ उठाया है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास का आश्वासन दिया है।

शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते हुए साहा ने कहा कि त्रिपुरा में कुल 21 ईएमआरएस को स्वीकृति मिली है और इनमें से 12 संस्थान पहले से कार्यरत हैं। मार्च 2026 तक, एमपी, हेज़ामारा, अमरपुर, चावमानु, मंडवई और मनु में छह और ईएमआरएस का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, "21 ईएमआरएस का निर्माण पूरा होने के बाद, 10,000 से अधिक छात्र इन विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। हम ने छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भी वृद्धि की है।"

जम्पुइजाला में इस नए विद्यालय में 60 छात्रों ने पहले ही प्रवेश लिया है और लगभग 480 छात्र जल्द ही शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमआरएस का मुख्य उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि हमें समाज के अंतिम छोर तक उचित शिक्षा और सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

उन्होंने कहा, "नीति आयोग से त्रिपुरा को अग्रणी राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ है। हमारा राज्य देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य है। हम शिक्षा के विकास के लिए प्रयासरत हैं और सभी मानदंडों के अनुसार हमारे राज्य को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उनकी संस्कृति का संरक्षण करना आवश्यक है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें उचित अवसर दे और समाज में समानता लाए। इस दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं और पूरे देश के लिए एक उदाहरण पेश करते हैं।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय क्या हैं?
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) आदिवासी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।
इन विद्यालयों में प्रवेश कैसे मिलता है?
आदिवासी छात्रों को ईएमआरएस में प्रवेश के लिए आवेदन करना होता है, जिसके बाद चयन प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें चुना जाता है।
छात्रवृत्ति के बारे में क्या जानकारी है?
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में वृद्धि की गई है ताकि आदिवासी छात्रों को आर्थिक सहायता मिल सके।
कब तक ये विद्यालय बनकर तैयार होंगे?
मार्च 2026 तक छह नए ईएमआरएस का निर्माण पूरा होने की योजना है।
इन विद्यालयों का उद्देश्य क्या है?
इन विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।