क्या सबरीमाला सोना चोरी मामले में पूर्व देवस्वोम बोर्ड सदस्य की गिरफ्तारी हुई?

Click to start listening
क्या सबरीमाला सोना चोरी मामले में पूर्व देवस्वोम बोर्ड सदस्य की गिरफ्तारी हुई?

सारांश

सबरीमाला सोना चोरी मामले में वरिष्ठ माकपा नेता एन. विजयकुमार की गिरफ्तारी ने जांच में नया मोड़ लाया है। क्या यह घटनाक्रम देवस्वोम बोर्ड की जिम्मेदारी को उजागर करेगा? जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या हो सकता है आगे।

Key Takeaways

  • एन. विजयकुमार की गिरफ्तारी मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
  • जांच का दायरा देवस्वोम बोर्ड की सामूहिक कार्यप्रणाली तक फैला है।
  • हाईकोर्ट ने सभी बोर्ड सदस्यों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया है।
  • विजयकुमार की गिरफ्तारी से 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
  • आने वाले दिन जांच के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सबरीमाला सोना चोरी मामले में केरल क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूर्व त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ माकपा (सीपीआई-एम) नेता एन. विजयकुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। विजयकुमार पहले राज्य स्तरीय सरकारी कर्मचारी संगठन के शीर्ष पदाधिकारी रह चुके हैं।

उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया, जिसके बाद उनकी औपचारिक गिरफ्तारी दर्ज की गई। उस समय वह देवस्वोम बोर्ड के सदस्य थे, जब ए. पद्मकुमार अध्यक्ष थे। उनकी गिरफ्तारी को मामले की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि अब जांच का दायरा बोर्ड की सामूहिक कार्यप्रणाली तक फैलता दिख रहा है।

सोमवार को विजयकुमार ने एसआईटी के समक्ष पेश होकर कहा कि उन पर असहनीय दबाव बनाया जा रहा है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। हालांकि, जांचकर्ताओं का कहना है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि विजयकुमार को सोने की प्लेटें मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपे जाने की जानकारी थी।

इससे पहले विजयकुमार ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली थी। यह कदम केरल हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद उठाया गया, जिसमें अदालत ने कहा था कि कथित मंदिर संपत्ति के दुरुपयोग के लिए देवस्वोम बोर्ड के सभी सदस्य समान रूप से जिम्मेदार हैं।

हाईकोर्ट ने एसआईटी की भी कड़ी आलोचना की थी, यह कहते हुए कि यह एक “गंभीर चूक” है कि पद्मकुमार की गिरफ्तारी के बावजूद पूर्व बोर्ड सदस्य के.पी. शंकरदास और विजयकुमार को जांच के दायरे में नहीं लाया गया। अदालत की फटकार और गिरफ्तारी की आशंका के बाद शंकरदास और विजयकुमार ने कोल्लम विजिलेंस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था।

पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार ने जांच के दौरान लगातार ‘सामूहिक जिम्मेदारी’ के सिद्धांत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि सबरीमाला से जुड़े फैसले एकतरफा नहीं, बल्कि बोर्ड और उसकी प्रशासनिक समिति के साथ विचार-विमर्श के बाद लिए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि कई निर्णय सरकार के निर्देशों के अनुरूप थे।

एसआईटी द्वारा विजयकुमार की गिरफ्तारी को अब पद्मकुमार के इस दावे को बल मिलने के रूप में देखा जा रहा है कि कथित चूक की जिम्मेदारी पूरे बोर्ड की थी।

एसआईटी ने पहले विजयकुमार को नोटिस जारी किया था, लेकिन वह पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। बाद में उन्हें सीधे हिरासत में लिया गया। उनके वकील के अनुसार, विजयकुमार खुद को निर्दोष साबित करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने सोमवार को एसआईटी के सामने पेश होने का फैसला किया।

इस बीच, मामले में एक नया पहलू तब जुड़ा जब एक अनिवासी कारोबारी ने जांचकर्ताओं को बताया कि सबरीमाला मंदिर की कलाकृतियों से जुड़ा एक लेन-देन आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी और डी. मणि के बीच हुआ था। कारोबारी को आशंका है कि ये कलाकृतियां विदेश तस्करी के जरिए भेजी गई होंगी।

कारोबारी ने बताया कि शुरुआत में उनसे तिरुवनंतपुरम में इस सौदे के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।

एसआईटी अब डी. मणि से पूछताछ की तैयारी कर रही है, ताकि सबरीमाला से कथित तौर पर बाहर ले जाए गए पंचधातु की मूर्तियों समेत लापता कलाकृतियों की कड़ी को जोड़ा जा सके।

जांच अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिन कथित साजिश की पूरी परतें खोलने और संस्थागत स्तर पर जिम्मेदारी तय करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे। विजयकुमार की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है और आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

Point of View

तब तक ऐसे मामलों में सच्चाई की परतें खुलना मुश्किल है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

एन. विजयकुमार को क्यों गिरफ्तार किया गया?
उन्हें सबरीमाला सोना चोरी मामले में उनकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
क्या विजयकुमार ने अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी?
हां, उन्होंने केरल हाईकोर्ट की टिप्पणियों के बाद अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली थी।
क्या अन्य लोग भी इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं?
हां, विजयकुमार की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
इस मामले की जांच कौन कर रहा है?
यह जांच केरल क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जा रही है।
क्या विजयकुमार ने गलत काम करने से इनकार किया है?
हां, विजयकुमार ने एसआईटी के सामने कहा कि उन पर असहनीय दबाव बनाया जा रहा है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।
Nation Press