क्या गांधीधाम को 176 करोड़ रुपये के विकास अभियान से नई पहचान मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- गांधीधाम में 176 करोड़ रुपये का विकास कार्य शुरू हुआ।
- मुख्यमंत्री ने स्मार्ट लाइब्रेरी और मॉडल फायर स्टेशन का उद्घाटन किया।
- नगर निगम बनने के बाद वार्षिक बजट 608 करोड़ रुपये हो गया है।
- आइकॉनिक गौरव पथ कच्छ की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएगा।
- राजकोट में वाइब्रेंट सम्मेलन बड़े निवेश को आकर्षित करेगा।
अहमदाबाद, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नगरपालिका से नगर निगम बनने के बाद, गांधीधाम अब एक नए शहरी विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शहर की नई नागरिक स्थिति के उपलक्ष्य में अपने पहले दौरे में 176 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शुभारंभ किया।
इन परियोजनाओं में मॉडल फायर स्टेशन, स्मार्ट लाइब्रेरी, आइकॉनिक प्रवेश द्वार, विकसित उद्यान, सड़कें, जल एवं सीवेज नेटवर्क और स्टॉर्म वाटर सिस्टम शामिल हैं, जो इस औद्योगिक केंद्र को एक नई शहरी पहचान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सबसे प्रमुख परियोजना गोपालपुरी गेट से सरदारदय क्रिकेट ग्राउंड तक का ‘आइकॉनिक गौरव पथ’ होगी, जो कच्छ में गांधीधाम के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाएगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीधाम, जिसे “कच्छ की आर्थिक राजधानी” कहा जाता है, अब राज्य की शहरी विकास नीति के तहत नए विकास शिखरों की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति “शहरीकरण को चुनौती नहीं, अवसर मानने की सोच” गुजरात के शहरों की रूपरेखा को बदल रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष शहरी विकास बजट में 40 प्रतिशत की वृद्धि की है और इसे बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, “गांधीधाम के लिए घोषित 176 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री के ‘ईज ऑफ लिविंग’ और समावेशी विकास के विज़न को मजबूत करेंगे।”
दौरान, मुख्यमंत्री ने ओस्लो सर्कल में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुनर्स्थापित प्रतिमा का लोकार्पण किया। साथ ही ‘डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ब्रिज’ सहित फ्लाईओवर और संबंधित शहरी सुविधाओं का उद्घाटन किया।
गोपालपुरी स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल ऑडिटोरियम में नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नगर निगम बनने के बाद गांधीधाम के विकास की गति तेज होगी।
उन्होंने बताया कि पहले गांधीधाम का वार्षिक बजट 110 करोड़ रुपये था। नगर निगम बनने के बाद यह बढ़कर 608 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में गांधीधाम को विभिन्न शहरी योजनाओं के तहत पहले से ही 255 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू की गई परियोजनाएं संपूर्ण विकास का मॉडल हैं, जहां सड़कों, पानी, सीवरेज और उद्यान जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक फायर स्टेशन और स्मार्ट लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात के शहरों ने देश को विकास की गति और पैमाने का उदाहरण दिया है।
मुख्यमंत्री ने 2001 के भूकंप के बाद कच्छ के पुनर्निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को याद करते हुए कहा कि आज गुजरात व्यापार, उद्योग, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी है क्योंकि उस समय मजबूत नींव रखी गई थी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शहरों को भविष्य के विकास मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए क्षेत्रीय वाइब्रेंट सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।
राजकोट में होने वाला सौराष्ट्र–कच्छ क्षेत्रीय वाइब्रेंट सम्मेलन बड़े निवेश आकर्षित करेगा और कच्छ के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा।