क्या हिमालय की गोद में बसे गर्ब्यांग गांव में सेना ने शुरू किया होमस्टे?

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क्या हिमालय की गोद में बसे गर्ब्यांग गांव में सेना ने शुरू किया होमस्टे?

सारांश

भारतीय सेना ने उत्तराखंड के गर्ब्यांग गांव में टेंट आधारित होमस्टे की शुरुआत की है। यह पहल सीमांत गांवों में पर्यटन और स्थानीय समुदायों के विकास को बढ़ावा देने के लिए है। जानिए इस अद्भुत परियोजना के बारे में अधिक जानकारी!

Key Takeaways

  • गर्ब्यांग गांव में टेंट आधारित होमस्टे की शुरुआत
  • भारतीय सेना का ऑपरेशन सद्भावना कार्यक्रम
  • स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर
  • पर्यटकों के लिए स्थानीय संस्कृति का अनुभव
  • बुकिंग के लिए संपर्क नंबर

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना के सहयोग से उत्तराखंड के कुमाऊं में स्थित ऐतिहासिक और खूबसूरत सीमावर्ती गांव गर्ब्यांग में टेंट आधारित होमस्टे का शुभारंभ किया गया है। यह पहल ऑपरेशन सद्भावना के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन, सतत विकास और स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस सुविधा का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल डीजी. मिश्रा, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तर भारत क्षेत्र द्वारा किया गया।

सेना का कहना है कि यह परियोजना भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम के अंतर्गत आती है। इसका मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय संस्कृति का संरक्षण करना और समुदाय आधारित आजीविका के नए अवसर प्रदान करना है। हिमालय की गोद में बसा गर्ब्यांग गांव अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक-धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसे अक्सर ‘शिवनगरी गुंजी का द्वार’ कहा जाता है। यहाँ से दो प्रमुख तीर्थ मार्ग निकलते हैं, जिनमें एक आदि कैलाश की ओर है और दूसरा ओम पर्वत और कालापानी की दिशा में है। यह क्षेत्र धार्मिक आस्था और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्थानीय सहभागिता और उत्साह के साथ, गर्ब्यांग गांव के निवासियों ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और इस पहल के लिए भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।

भारतीय सेना के अनुसार, यह पहल सीमांत क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इन होमस्टे की कई विशेषताएँ हैं।

ऑपरेशन सद्भावना के अंतर्गत विकसित यह टेंट-आधारित होमस्टे अब पूरी तरह से ग्राम समिति को सौंप दिया गया है। ग्राम समिति इसे स्वतंत्र रूप से संचालित करेगी। पर्यटक यहाँ स्थानीय जीवनशैली, पारंपरिक भोजन, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते हैं।

सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बुकिंग के लिए 9410734276, 7579811930 और 9596752645 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। यहाँ प्रति व्यक्ति प्रति रात का शुल्क 1,000 रुपए है, जिसमें भोजन शामिल है।

गर्ब्यांग गांव और इसके आसपास कई धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल हैं, जैसे ओम पर्वत, कैलाश पर्वत (लिपुलेख दर्रे के माध्यम से), कालिका माता मंदिर (जहाँ से काली नदी का उद्गम होता है), ऋषि व्यास गुफा, आदि कैलाश, पार्वती कुंड, गौरी कुंड और रंग समुदाय संग्रहालय, गुंजी आदि प्रमुख हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय सेना सीमावर्ती गांवों के समग्र विकास के लिए कई योजनाएँ भी चला रही है। इनमें ग्राम विद्युतीकरण, हाइब्रिड सोलर प्लांट की स्थापना, निशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन, पॉलीहाउस का निर्माण और अन्य आधारभूत ढांचा विकास परियोजनाएँ शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में सतत आजीविका के अवसर बढ़ाना, जीवन स्तर सुधारना और स्थानीय समुदायों को राष्ट्र की मुख्यधारा से मजबूती से जोड़ना है।

भारतीय सेना द्वारा गर्ब्यांग में शुरू किया गया यह टेंट आधारित होमस्टे केवल एक पर्यटन परियोजना नहीं है, बल्कि सीमांत भारत के विकास, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। यह पहल दर्शाती है कि सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि सीमावर्ती भारत के विकास की प्रहरी भी है।

Point of View

बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगी।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

गर्ब्यांग गांव में होमस्टे कैसे बुक करें?
बुकिंग के लिए आप 9410734276, 7579811930 या 9596752645 पर संपर्क कर सकते हैं।
इस होमस्टे का प्रति व्यक्ति शुल्क क्या है?
यहां प्रति व्यक्ति प्रति रात का शुल्क 1,000 रुपए है, जिसमें भोजन शामिल है।
गर्ब्यांग गांव में क्या देखने लायक है?
यहां ओम पर्वत, कैलाश पर्वत, कालिका माता मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं।
यह परियोजना किन उद्देश्यों के लिए शुरू की गई है?
यह परियोजना ग्रामीण पर्यटन, सतत विकास और स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
ऑपरेशन सद्भावना का उद्देश्य क्या है?
ऑपरेशन सद्भावना का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।