क्या गरीब की जमीन को कब्जामुक्त कराना संभव है? दबंगों पर होगा कड़ा एक्शन: सीएम योगी

Key Takeaways
- गरीबों की जमीन की सुरक्षा पर जोर
- अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
- जमीन कब्जामुक्त कराने की प्रक्रिया में तेजी
- तत्काल चिकित्सा सहायता का आश्वासन
- सरकार का उद्देश्य सभी के जीवन में खुशहाली लाना
गोरखपुर, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में जनता दर्शन के दौरान अनेक जिलों से आए लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना। उपस्थित अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित समाधान का निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सबके जीवन में खुशहाली लाना है। किसी के साथ भी अन्याय नहीं सहा जाएगा।
जनता दर्शन में सीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी गरीब की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है तो उसे तुरंत कब्जामुक्त कराया जाए और दबंगों को सख्त सबक सिखाया जाए। अवैध कब्जा करने वालों और कमजोरों को परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर जनता दर्शन का आयोजन किया गया। यहां कुर्सियों पर बैठे लोगों के पास मुख्यमंत्री स्वयं गए और एक-एक करके उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान विभिन्न जिलों से आए लगभग 200 लोगों से मिलकर उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी। सभी प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को भेजते हुए सीएम योगी ने त्वरित और संतोषजनक समाधान का निर्देश दिया और कहा कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
जनता दर्शन में एक महिला ने दबंग द्वारा जमीन कब्जा करने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने पास में मौजूद प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए। गरीब की जमीन को कब्जामुक्त कराना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई दबंग किसी की जमीन पर कब्जा न कर सके।
सीएम योगी के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों के पास भेजते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से संबंधित इस्टिमेट प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर शासन में प्रस्तुत किया जाए। राजस्व और पुलिस से संबंधित मामलों का निपटारा पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ किया जाए और हर पीड़ित के साथ संवेदनशीलता से पेश आया जाए।