क्या नववर्ष में गरीबों को मिलेंगी अपने फ्लैट्स की चाबियां? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- गरीबों को फ्लैट्स की चाबियां नववर्ष से मिलने जाएंगी।
- सावदा घेवरा में 7,620 फ्लैट्स का निर्माण हुआ है।
- दिल्ली सरकार का लक्ष्य सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है।
- कॉलोनी में 100 प्रतिशत सीवरेज नेटवर्क है।
- फ्लैट्स की मरम्मत के लिए 27.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ है।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को केवल आवास ही नहीं, बल्कि सम्मानजनक और सुविधायुक्त जीवन देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि नववर्ष से गरीबों को उनके फ्लैट्स की चाबियां मिलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में अधूरी सुविधाओं को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल मकान बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और वंचित वर्ग को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल आपूर्ति, हरित क्षेत्र और रोजगार से जुड़ी सभी बुनियादी सुविधाएं एक साथ मिलें। सावदा घेवरा जैसी बड़ी ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में बुनियादी और सामाजिक ढांचे का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सावदा घेवरा ईडब्ल्यूएस आवासीय कॉलोनी लगभग 37.81 एकड़ क्षेत्र में विकसित की गई है। यहां वर्ष 2012 से 2020 के बीच कुल 7,620 आवासीय इकाइयों का निर्माण हुआ, जिनमें से 6,476 फ्लैट अभी खाली हैं। पूर्व सरकारों की उदासीनता के कारण अधिकांश फ्लैटों को मरम्मत की आवश्यकता है। हालांकि, कॉलोनी में 100 प्रतिशत सीवरेज नेटवर्क मौजूद है, जो मजबूत बुनियादी ढांचे का संकेत देता है। अब दिल्ली सरकार ने यहां गरीबों को बसाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, कॉलोनी में 39 आवासीय पार्क विकसित किए गए हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 22 हजार वर्ग मीटर से अधिक है। जल आपूर्ति के लिए दो भूमिगत जल टैंक, बूस्टर स्टेशन और ओवरहेड वाटर टैंक बनाए गए हैं। ठोस कचरा प्रबंधन के लिए चार ढलाव विकसित किए गए हैं, जिनमें कचरा पृथक्करण की सुविधा भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि कॉलोनी में कई जरूरी सुविधाएं अभी निर्माणाधीन हैं। दो प्राथमिक विद्यालयों में से एक का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि डिस्पेंसरी या अस्पताल प्रस्तावित है। स्थानीय रोजगार और व्यापार के लिए शॉपिंग सेंटर, सर्विस मार्केट, मिल्क बूथ, थ्री-व्हीलर और टैक्सी स्टैंड जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलोनी के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बस स्टॉप, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी, डाकघर और सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जबकि 3 किलोमीटर के भीतर मेट्रो स्टेशन, पुलिस थाना और अन्य संस्थान मौजूद हैं। सरकार का प्रयास है कि इन सुविधाओं को कॉलोनी के आंतरिक ढांचे से बेहतर ढंग से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि सावदा घेवरा में 2,500 खाली फ्लैटों की मरम्मत के लिए 27.50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, ताकि उन्हें रहने योग्य बनाया जा सके। उम्मीद है कि अगले वर्ष से सुविधाओं से लैस इन फ्लैटों का आवंटन शुरू हो जाएगा। शेष फ्लैटों की मरम्मत अगले चरण में की जाएगी।