क्या गौतम अदाणी ने राज कपूर के गाने से छात्रों को प्रेरित किया?

सारांश
Key Takeaways
- सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संस्कृति की धड़कन है।
- कहानी कहने की कला हमें अपने विचारों को साझा करने का माध्यम देती है।
- राज कपूर ने भारत की सॉफ्ट पावर को दर्शाया।
- गौतम अदाणी ने बताया कि हर परियोजना एक कहानी से शुरू होती है।
- संस्कृति और विरासत को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतम अदाणी ने शुक्रवार को मुंबई में व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों को संबोधित करते हुए कहानी सुनाने की कला, सिनेमा और भारत की सांस्कृतिक पहचान पर अपने विचार व्यक्त किए।
छात्रों के समक्ष गौतम अदाणी ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं, एक इन्फ्रास्ट्रक्चर व्यवसायी, हमारे देश के कुछ सबसे रचनात्मक दिमागों के साथ बातचीत करूंगा। यह वर्ष विशेष है, क्योंकि यह गुरुदत्त और राज कपूर की शताब्दी का प्रतीक है। उन्होंने हमें सिखाया कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति की धड़कन है।"
राज कपूर की फिल्म अनाड़ी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "राज कपूर जी ने इसमें कहा था, 'किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार... किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार।' यह केवल एक गीत नहीं था, बल्कि एक दर्शन था, जो भारत की सॉफ्ट पावर को दर्शाता है।"
उन्होंने राज कपूर की विरासत पर बात करते हुए कहा, "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, एक आम आदमी के रूप में उनके अभिनय ने सोवियत दर्शकों की भावनाओं को छू लिया। वह भारत में सॉफ्ट पावर के अद्वितीय पैरोकार थे।"
गौतम अदाणी ने कहा, "जब मुझे बोलने के लिए आमंत्रित किया गया, तो मैंने सोचा, कि एक बंदरगाह और हवाई अड्डे का निर्माता क्या ज्ञान साझा कर सकता है? लेकिन जब मैंने विचार किया, तो मुझे समझ आया कि मेरी हर परियोजना स्टील से नहीं, बल्कि एक कहानी से शुरू हुई है।"
"इमारतें ढह सकती हैं, लेकिन कहानी हमेशा जीवित रहती है और आगे आने वालों के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।"