क्या पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन बढ़ रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पुलिसकर्मियों ने भत्ते में वृद्धि की मांग की है।
- वकील अदालतों का बहिष्कार कर रहे हैं।
- गिलगित-बाल्टिस्तान में सामाजिक और राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है।
- पुलिसकर्मियों को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
- सुप्रीम अपीलेट कोर्ट में जजों की नियुक्ति की मांग की जा रही है।
इस्लामाबाद, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में कई स्थानों पर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। स्थानीय नेता के आवास के बाहर पुलिस अधिकारियों का धरना चौथे दिन भी जारी है।
जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मी 2025-26 के बजट के तहत भत्ते में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। चिलास में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैनात बल सहित अन्य जिलों के पुलिसकर्मी भी इस धरने में शामिल हुए हैं। बजट में पीओजीबी पुलिस का दैनिक भत्ता 440 पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर 880 रुपये करने का प्रावधान किया गया, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।
पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे कई महीनों से यह मांग उठा रहे हैं। पिछले दो सप्ताह पहले हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों ने 14 दिनों में इस मुद्दे का समाधान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन समस्या का समाधान करने के बजाय सोमवार को पीओजीबी पुलिस ने "दुर्व्यवहार" के आरोप में विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी। शुरुआती चरण में 63 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है।
इसी बीच, वकीलों के संगठनों ने गिलगित, स्कर्दू और गिजर सहित अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और अदालतों का बहिष्कार किया। वकील पिछले 10 महीनों से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान बार काउंसिल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन गिलगित ने एक संयुक्त बैठक में हड़ताल का ऐलान किया और अदालत की कार्यवाही में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
वकीलों की मुख्य मांगों में पीओजीबी सुप्रीम अपीलेट कोर्ट में खाली पदों पर जजों की नियुक्ति, वकील संरक्षण अधिनियम का विस्तार, खाली सिविल जज पदों का विज्ञापन और न्यायिक मजिस्ट्रेट पदों को सिविल जज पदों से अलग करना शामिल है। वकीलों का कहना है कि सुप्रीम अपीलेट कोर्ट पिछले सात वर्षों से केवल एक ही जज के साथ कार्य कर रहा है, जिससे हजारों मामले लंबित हैं।
इस बीच, सिकंदराबाद (नगर) में बिजली संकट के कारण भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और कराकोरम हाईवे के दियामेर हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। नगर खास और अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए हैं।