क्या गोवा भूमि घोटाले में ईडी का छापा है एक बड़ी कार्रवाई?

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क्या गोवा भूमि घोटाले में ईडी का छापा है एक बड़ी कार्रवाई?

सारांश

गोवा में भूमि घोटाले की जांच में ईडी ने छापेमारी की। अंजुना में धोखाधड़ी के आरोपों के तहत 1.5 लाख डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई। क्या यह कार्रवाई गोवा के पर्यटन उद्योग में और भी गहराई तक जाएगी?

Key Takeaways

  • ईडी ने गोवा में भूमि घोटाले की जांच तेज की है।
  • तलाशी में 1.5 लाख डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई।
  • भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
  • गोवा में अवैध संपत्तियों का जाल उजागर हो रहा है।
  • पूर्व विधायक यशवंत सावंत पर गंभीर आरोप लगे हैं।

पणजी, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोवा में एक बड़े भूमि घोटाले की जांच को और तेज कर दिया है। इस संदर्भ में, ईडी ने मंगलवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गोवा, नई दिल्ली और चंडीगढ़ में छह जगहों पर तलाशी अभियान चलाया।

यह कार्रवाई पूर्व विधायक यशवंत सावंत और उनके सहयोगियों से जुड़े मामले में की गई है, जिसमें अंजुना की मूल्यवान भूमि पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। तलाशी के दौरान लगभग 1.5 लाख यूएस डॉलर (करीब 1.26 करोड़ रुपए) मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी वाले वॉलेट बरामद हुए, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न भूमि सौदों में नकदी निवेश के संकेत देने वाले नोट्स और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए। ईडी ने कहा कि यह घोटाला गोवा के पर्यटन क्षेत्रों में फैला हुआ है और जांच से अवैध संपत्तियों का जाल सामने आ रहा है।

ईडी के पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने मेसर्स थिंकिंग ऑफ यू के पार्टनर उमर जहूर शाह और नीरज शर्मा तथा मेसर्स पर्पल मार्टिनी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश कुमार के परिसरों पर छापा मारा। ये तलाशियां गोवा पुलिस की एफआईआर पर आधारित हैं, जिसमें आईपीसी की धाराओं के तहत यशवंत सावंत और अन्य पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

आरोप है कि सावंत और उनके साथियों ने अंजुना के सर्वेक्षण संख्या 496/1-ए वाली जमीन के लिए फर्जी और जाली दस्तावेज पेश कर इसे अपने नाम कर लिया। बाद में, जमीन के कुछ हिस्सों को अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया, जिससे अपराध की आय उत्पन्न हुई। ईडी ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग का स्पष्ट मामला बताते हुए कहा कि आरोपी अवैध कमाई को क्रिप्टोकरेंसी और अन्य माध्यमों से छिपा रहे थे।

यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने गोवा भूमि घोटाले में दबिश दी। 9 सितंबर को भी तलाशी अभियान चलाया गया था, जिसमें शिवशंकर मायेकर और उनके साथियों द्वारा दोस्तों-रिश्तेदारों के नाम पर धोखे से हासिल की गई कई जमीनें सामने आईं। ये संपत्तियां लाखों वर्ग मीटर में फैली हैं और बर्देज तालुका के अंजुना, अस्सागाओ जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर स्थित हैं। मायेकर को 1 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था, और पूछताछ से साफ हुआ कि ये सौदे फर्जी दस्तावेजों पर आधारित थे।

हालिया छापे में ईडी को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिनमें भूमि हड़पने के प्रमुख व्यक्तियों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) और पट्टा समझौते शामिल हैं। ये दस्तावेज गोवा में भूमि से जुड़ी अवैध गतिविधियों का पूरा नक्शा उजागर कर रहे हैं।

Point of View

NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने गोवा में किस मामले की जांच की?
ईडी ने गोवा में भूमि घोटाले की जांच की, जिसमें पूर्व विधायक यशवंत सावंत और उनके सहयोगियों पर धोखाधड़ी का आरोप है।
तलाशी के दौरान क्या बरामद हुआ?
तलाशी के दौरान लगभग 1.5 लाख डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी और विभिन्न भूमि सौदों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए।
क्या यह पहली बार है जब ईडी ने गोवा में छापा मारा?
नहीं, इससे पहले भी 9 सितंबर को ईडी ने गोवा भूमि घोटाले की जांच में छापेमारी की थी।