क्या अमित शाह 4 अक्टूबर को 'माझे घर' योजना का उद्घाटन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- 'माझे घर' योजना का उद्घाटन 4 अक्टूबर को होगा।
- सरकारी जमीन पर बसे लोगों को मालिकाना हक मिलेगा।
- घर के निर्माण वर्ष के आधार पर फीस संरचना तय की गई है।
- लाभार्थियों के लिए परिवहन और जलपान की व्यवस्था होगी।
- यह योजना सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रयास है।
पणजी, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा सरकार की बहुप्रतीक्षित 'माझे घर' योजना का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को करेंगे। इस योजना के अंतर्गत सरकारी जमीन पर निवास करने वाले लोगों को उनके घरों के मालिकाना हक प्रदान किए जाएंगे। यह योजना विशेष रूप से घर के निर्माण वर्ष के आधार पर फीस संरचना निर्धारित करने में अद्वितीय है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि इस योजना का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को शाम 4 बजे वर्चुअल माध्यम से करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में किया जाएगा। इस अवसर पर अन्य विकासात्मक योजनाओं की भी शुरुआत की जाएगी। लाभार्थियों के लिए परिवहन और जलपान की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
राज्य कैबिनेट ने घरों के निर्माण के लिए वर्ष के अनुसार अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। ये शुल्क सरकारी भूमि पर बने घरों के लिए लागू होंगे।
1972 से पहले बने घरों के मालिकों से केवल 25 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लिया जाएगा। 1973 से 1986 के बीच बने घरों के मालिकों से न्यूनतम भूमि दर का 50 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। 1987 से 2000 के बीच बने घरों के मालिकों को न्यूनतम भूमि दर का 75 प्रतिशत शुल्क देना होगा। 2001 से 2014 के बीच बने घरों के मालिकों से पूरी न्यूनतम भूमि दर वसूली जाएगी, जो 2014 में अधिसूचित दरों के अनुसार होगी। इन सभी श्रेणियों में वही लोग शामिल होंगे, जिनके मकान सरकारी जमीन पर स्थित हैं।
इस योजना का उद्देश्य दशकों से सरकारी जमीन पर बसे लोगों को मालिकाना हक प्रदान करना है, ताकि वे अपने घरों का नवीनीकरण कर सकें, बैंक से लोन ले सकें और कानूनी रूप से संपत्ति का हस्तांतरण कर सकें।
मुख्यमंत्री सावंत ने बताया कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लाभार्थी शामिल होंगे। सरकार ने उनकी सुविधा के लिए परिवहन और जलपान की व्यवस्था की है। 'माझे घर' योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो लोगों को न केवल कानूनी अधिकार देगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाएगी।