क्या गोवा हादसे के बाद नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू के लिए एडवाइजरी जारी की गई है?
सारांश
Key Takeaways
- सभी नाइट क्लबों को फायर सेफ्टी के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
- इमरजेंसी एग्जिट और बचने के रास्तों को हमेशा खुला रखना चाहिए।
- सुरक्षा उपकरणों का नियमित निरीक्षण आवश्यक है।
- हर शिफ्ट के लिए एक फायर सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त करना चाहिए।
- 7 दिनों के भीतर इंटरनल सेफ्टी ऑडिट कराना होगा।
पणजी, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा में हुए नाइट क्लब के भयानक हादसे के बाद, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के तहत, सभी स्थानों को फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी, इमरजेंसी तैयारी और स्ट्रक्चरल सेफ्टी के नियमों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गई है।
एक वीडियो में देखा जा सकता है कि जब स्टेज पर डांसर नाच रही थी, तभी अचानक आग लग गई। लोग वहां से भागने लगे, लेकिन आग तेजी से फैल गई, जिससे 25 लोगों की जान चली गई। इस संबंध में राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने सभी स्थानों को वैध फायर एनओसी बनाए रखने और दी गई सभी फायर सर्विस के नियमों का पालन करने की सख्त सलाह दी है। इसके साथ ही, ऑक्यूपेंसी लिमिट का ध्यान रखने और भीड़ को नियंत्रित करने का निर्देश दिया गया है।
सभी नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्मोक/हीट डिटेक्टर, अलार्म, स्प्रिंकलर, हाइड्रेंट, होज रील और फायर एक्सटिंग्विशर कार्यशील हों। इसके अलावा, सर्टिफाइड इलेक्ट्रिकल वायरिंग और प्रोटेक्शन डिवाइस का उपयोग करना अनिवार्य है, और असुरक्षित या ओवरलोड कनेक्शन को तुरंत हटा देना चाहिए।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि सभी इमरजेंसी एग्जिट और बचने के रास्तों को रोशनी वाले एग्जिट साइन, इवैक्युएशन मैप और इमरजेंसी लाइटिंग से खुला रखना चाहिए। हर शिफ्ट के लिए एक फायर सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त करें और समय-समय पर डॉक्यूमेंटेड इवैक्युएशन ड्रिल का आयोजन करें।
स्टाफ की ट्रेनिंग में राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी द्वारा बताए गए उपायों को शामिल किया जाना चाहिए। जैसे, यदि कोई व्यक्ति फंस जाए और बाहर नहीं निकल पा रहा हो, तो ऊंचाई से बेडशीट को जोड़कर एक अस्थायी रस्सी या सीढ़ी बनाना चाहिए।
अथॉरिटी ने सभी स्थानों को यह भी निर्देश दिया है कि वे 7 दिनों के भीतर एक इंटरनल सेफ्टी ऑडिट कराएं और जिला प्रशासन, फायर सर्विस या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमों द्वारा निरीक्षण के लिए रिपोर्ट तैयार रखें।
सभी को चेतावनी दी गई है कि नियमों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना, सस्पेंड करना और कानून के तहत मुकदमा चलाना शामिल है।