क्या ग्रेटर नोएडा के हैबतपुर के डूब क्षेत्र में प्राधिकरण का बुलडोजर चला?

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क्या ग्रेटर नोएडा के हैबतपुर के डूब क्षेत्र में प्राधिकरण का बुलडोजर चला?

सारांश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हैबतपुर के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। लगभग 30 हजार वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। जानें इस कार्रवाई के पीछे की कहानी और प्राधिकरण की योजना।

Key Takeaways

  • प्राधिकरण की सक्रियता: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाया है।
  • एनजीटी के आदेश: यह कार्रवाई एनजीटी के आदेशों के अनुसार की गई है।
  • डूब क्षेत्र सुरक्षा: प्राधिकरण ने डूब क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की है।
  • स्थानीय लोगों का हित: अवैध निर्माण से स्थानीय निवासियों को राहत मिली है।
  • भविष्य की सावधानियाँ: लोगों को जमीन खरीदने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा गया है।

ग्रेटर नोएडा, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हैबतपुर के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ शुक्रवार को बुलडोजर चलाया। प्राधिकरण ने लगभग 30 हजार वर्ग मीटर डूब एरिया को अतिक्रमण से मुक्त कराया है।

हिंडन नदी के किनारे कॉलोनाइजरों ने जमीन लेकर अवैध निर्माण कर लिया था, जिसे एनजीटी के आदेश पर ग्रेनो प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया। दरअसल, डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सिंचाई विभाग से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी।

प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग ने पुलिस के सहयोग से यह कार्रवाई की। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया कि ग्राम हैबतपुर के खसरा संख्या 209, 210, 211, 212, 213 और 217 की जमीन हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में आती है। डूब क्षेत्र होने के बावजूद कॉलोनाइजर अवैध प्लॉटिंग कर रहे थे। शिवम एंक्लेव नाम से अवैध कॉलोनी बनाई जा रही थी।

दूरदराज से रोजगार की तलाश में आए लोगों ने इन कॉलोनाइजरों से जमीन खरीदकर निर्माण कर लिया था। इन लोगों को प्राधिकरण की ओर से अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। एनजीटी के आदेश पर प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वर्क सर्किल-1 के प्रभारी प्रभात शंकर के नेतृत्व में सिंचाई विभाग और पुलिस के सहयोग से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।

इस कार्रवाई में 10 से अधिक निर्मित घर और दो दर्जन बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया गया। कार्रवाई सुबह करीब 5.30 बजे शुरू हुई और तीन घंटे तक चली। इस कार्रवाई में पांच जेसीबी और तीन डंपर का इस्तेमाल किया गया।

अतिक्रमण हटाने के दौरान महाप्रबंधक ए.के. सिंह और प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक प्रभात शंकर के अलावा वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार निम, वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा, पुलिस अधिकारी दीक्षा सहित प्राधिकरण की टीम और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने अतिक्रमण करने वालों को चेतावनी दी है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित क्षेत्र में अनुमति के बिना या नक्शा पास कराए बिना अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह क्षेत्र डूब क्षेत्र ही क्यों न हो। एसीईओ ने लोगों से अपील की है कि ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। अवैध कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न लगाएं।

Point of View

जो अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तत्पर है। एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए, प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित किया है कि डूब क्षेत्र में कोई भी अवैध निर्माण न हो। यह कार्यवाही न केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

ग्रेटर नोएडा में अतिक्रमण के खिलाफ यह कार्रवाई कब की गई?
यह कार्रवाई 11 जुलाई को की गई थी।
प्राधिकरण ने कितनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया?
प्राधिकरण ने लगभग 30 हजार वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।
इस कार्रवाई में किसका सहयोग लिया गया?
इस कार्रवाई में पुलिस और सिंचाई विभाग का सहयोग लिया गया।
क्या कॉलोनाइजरों को चेतावनी दी गई है?
हाँ, एसीईओ ने कॉलोनाइजरों को चेतावनी दी है कि बिना अनुमति अवैध निर्माण करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निवासियों को क्या सलाह दी गई है?
निवासियों को सलाह दी गई है कि जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क करें।