क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रैन बसेरों की स्थापना की है?
सारांश
Key Takeaways
- रैन बसेरे गरीबों और जरूरतमंदों के लिए ठंड में सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- इनमें कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- प्राधिकरण ने सुरक्षित और आरामदायक माहौल की व्यवस्था की है।
- समाज की भागीदारी से ही ये प्रयास सफल होंगे।
- भविष्य में और रैन बसेरों की स्थापना की जा सकती है।
ग्रेटर नोएडा, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ठंड और शीतलहर के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस सर्दी में कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर न हो, इस उद्देश्य से प्राधिकरण ने शहर के तीन प्रमुख जगहों पर रैन बसेरा स्थापित किए हैं। इन रैन बसेरों का मुख्य उद्देश्य ठंडी रातों में जरूरतमंदों को सुरक्षित और गर्म आश्रय प्रदान करना है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर पी-3 के बरातघर, परी चौक में मेट्रो लाइन के नीचे और डेल्टा-2 के बरातघर में रैन बसेरों की व्यवस्था की है। इन सभी स्थानों पर २५-२५ बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। महत्वपूर्ण यह है कि यहां ठहरने वाले लोगों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग बिना किसी झिझक के इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने शहर के विभिन्न स्थानों पर रैन बसेरों की स्थापना के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशों के अनुसार, परियोजना विभाग ने तेजी से काम करते हुए इन तीन रैन बसेरों को तैयार किया है। इन रैन बसेरों में साफ-सफाई, रोशनी और बिस्तरों की उचित व्यवस्था की गई है, ताकि यहां ठहरने वालों को सुरक्षित और आरामदायक माहौल मिल सके।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (परियोजना) एके सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें शहर में कोई भी गरीब, असहाय या बेसहारा व्यक्ति ठंड में परेशान दिखाई दे, तो उसे नजदीकी रैन बसेरे तक पहुँचाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से ही इस मानवीय प्रयास को सफल बनाया जा सकता है। महाप्रबंधक ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो भविष्य में शहर के अन्य हिस्सों में भी रैन बसेरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
प्राधिकरण की यह पहल न केवल ठंड से बचाव का साधन है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को भी दर्शाती है। कड़ाके की सर्दी के बीच, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम जरूरतमंदों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रहा है।