क्या जीएसटी काउंसिल नोटबुक में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर विचार करेगी?

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क्या जीएसटी काउंसिल नोटबुक में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर विचार करेगी?

सारांश

जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में नोटबुक के इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर विचार किया जा सकता है। इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि सरकार इस विसंगति को हल करे। क्या यह फैसला भारतीय उपभोक्ताओं की कीमतों को प्रभावित करेगा? जानें पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • जीएसटी काउंसिल नोटबुक्स में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर विचार कर रही है।
  • कागज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने से लागत बढ़ती है।
  • इस विसंगति को दूर करने के लिए सरकार कदम उठा सकती है।
  • उद्योग संघों ने जीएसटी 2.0 की सराहना की है।
  • उलटे शुल्क ढांचे में सुधार से भारतीय वस्तुओं की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में नोटबुक्स में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर चर्चा की जा सकती है। यह विषय हाल में लागू हुए जीएसटी सुधार के बाद तेजी से उभर रहा है।

हालांकि, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट मिलने के बावजूद, नोटबुक और पाठ्यपुस्तकों की कीमतें ऊँची बनी रह सकती हैं, क्योंकि इनके उत्पादन में उपयोग होने वाले कागज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जिसका निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा नहीं कर सकते।

सूत्रों के अनुसार, इस विसंगति के कारण लागत में वृद्धि होती है और अंतिम कीमतें भी बढ़ जाती हैं।

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का मुद्दा उन उत्पादों पर उठाया जाता है, जहां फाइनल प्रोडक्ट पर इनपुट मटेरियल के मुकाबले अधिक जीएसटी लगता है। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्लॉक हो जाता है, जिससे निर्माता और उपभोक्ता दोनों के लिए लागत बढ़ जाती है।

नोटबुक के संदर्भ में, अधिकारियों ने बताया कि यह विसंगति सरकार के ध्यान में आ गई है। उन्होंने कहा कि अगली जीएसटी काउंसिल इस विसंगति को सुलझाएगी।

सूत्रों ने कहा कि काउंसिल कागज पर जीएसटी कम करने या नोटबुक को इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 5 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है क्योंकि ये दोनों उपाय क्रेडिट श्रृंखला को बहाल करेंगे और मूल्य दबाव को कम करेंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल ने इस महीने जीएसटी 2.0 को लागू किया है, जिसमें स्लैब को चार से घटाकर दो कर दिया गया है।

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ जैसे कई उद्योग संघों ने भारत की कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने और कई क्षेत्रों में उलटे शुल्क ढांचे को सुधारने के लिए जीएसटी 2.0 के सुधारों की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि कपड़ा, उर्वरक और नवीकरणीय ऊर्जा में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार से आयात पर निर्भरता कम होगी और भारतीय वस्तुओं की वैश्विक लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जीएसटी काउंसिल का निर्णय केवल कर प्रणाली को सही करने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में इस मसले का समाधान होगा।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर क्या है?
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर तब होता है जब फाइनल प्रोडक्ट पर इनपुट मटेरियल के मुकाबले अधिक जीएसटी लगता है।
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी?
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है।
क्या नोटबुक्स पर जीएसटी कम किया जाएगा?
यह संभावना है कि काउंसिल नोटबुक्स पर जीएसटी कम करने पर विचार कर सकती है।