क्या जीएसटी से एसी की कीमतें 2,000 से 3,000 रुपए घटेंगी, नए एनर्जी सेविंग गाइडलाइन को लागू करने में मिलेगी मदद?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से एसी की कीमतों में 3,000 रुपए तक की कमी संभव है।
- नई एनर्जी सेविंग गाइडलाइन को लागू करने में मदद मिलेगी।
- 2 टन से कम वजन वाले एसी पर 6-8 प्रतिशत की कीमत में कमी हो सकती है।
- बेमौसम बारिश के कारण मांग में 10-15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
- उद्योग की दीर्घकालिक संभावनाएँ सुरक्षित हैं।
नई दिल्ली, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधार के चलते रूम एयर कंडीशनर (आरएसी) की कीमतों में 3,000 रुपए तक की कमी आने की संभावना है। यह नए एनर्जी सेविंग गाइडलाइन को लागू करने में सहायक होगा। यह बात गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में उल्लेखित की गई है।
आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, 2 टन से कम वजन वाले आरएसी पर जीएसटी में कटौती से कीमतों में लगभग 6-8 प्रतिशत की कमी आ सकती है, जिससे प्रति यूनिट लगभग 2,000-3,000 रुपए की बचत होगी, जो खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन साबित होगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जीएसटी 2.0 सुधारों के अंतर्गत, आरएसी पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। इस कदम से वित्त वर्ष के अंत में मांग में वृद्धि की संभावना है।
आईसीआरए के अनुसार, एनर्जी की खपत में कमी लाने के लिए जनवरी 2026 से लागू होने वाली स्टार लेबल गाइडलाइंस के कारण एसी की कीमतें 500 रुपए से लेकर 2,500 रुपए तक बढ़ सकती हैं। इस स्थिति में, जीएसटी 2.0 से बढ़ी हुई लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अप्रैल-जुलाई में बेमौसम बारिश के कारण मांग में कमी से वित्त वर्ष 26 में उद्योग की मात्रा में सालाना आधार पर 10-15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
आईसीआरए ने कहा, "बेमौसम और औसत से अधिक बारिश के कारण लू के दिनों की संख्या में कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल-जुलाई 2025 में बिक्री की मात्रा में 15-20 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 40-50 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई थी।"
आईसीआरए ने कहा कि कम पैठ, बढ़ता शहरीकरण और प्रतिस्थापन मांग उद्योग की दीर्घकालिक संभावनाओं को सुरक्षित रखते हैं।
रिसर्च फर्म ने अगले दो वर्षों में विनिर्माण क्षमता में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसे 4,500-5,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय से समर्थन प्राप्त होगा।
आईसीआरए ने कहा कि सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से घटकों के स्वदेशीकरण में भी मजबूत वृद्धि की उम्मीद है, जो वर्तमान 50-60 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 28 तक 70-75 प्रतिशत हो जाएगा।