क्या गुजरात की ड्रोन दीदी योजना ने आशाबेन को आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाई दी?

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क्या गुजरात की ड्रोन दीदी योजना ने आशाबेन को आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाई दी?

सारांश

गुजरात के तालेपुरा की आशाबेन चौधरी ने 'ड्रोन दीदी योजना' में भाग लेकर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखी है। उन्होंने ड्रोन की मदद से किसानों को लाभ पहुँचाया और खुद को लखपति बनाया। जानिए उनकी प्रेरणादायक यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • ड्रोन दीदी योजना से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का अवसर।
  • आशाबेन चौधरी ने अपनी मेहनत से लखपति बनने का सपना साकार किया।
  • ड्रोन तकनीक का उपयोग करके कृषि में सुधार
  • महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
  • सखी मंडल के माध्यम से समुदाय का विकास

तालेपुरा, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना ने ग्रामीण महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर भी पहुंचा दिया है। अब महिलाएं इस योजना के माध्यम से खुद को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।

गुजरात के बनासकांठा जिले के तालेपुरा गांव की आशाबेन चौधरी को अब 'ड्रोन दीदी' के नाम से जाना जाता है। उन्होंने नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अब वह कई जिलों में ड्रोन द्वारा कीटनाशक का छिड़काव कर अच्छी आमदनी कमा रही हैं। एक समय पर घर की चार दीवारी में सीमित रहने वाली आशाबेन अब ड्रोन की सहायता से खेती में क्रांति ला रही हैं और हजारों किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं। आशाबेन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और अब एक पेशेवर ड्रोन पायलट बन चुकी हैं।

ड्रोन दीदी आशाबेन चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि 'ड्रोन दीदी योजना' की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इंटरव्‍यू दिया। पहले वह घर पर रहकर काम करती थीं, लेकिन अब इस योजना के माध्यम से वह लखपति बन गई हैं। उनके लिए यह आय का साधन है। इस योजना के तहत उन्हें लगभग 17 लाख रुपये का किट मिला है, जिसमें 10 लाख का ड्रोन, 5 लाख

उन्होंने बताया कि उनकी सालाना आय तीन लाख रुपये से अधिक है। आशाबेन 'आशापुरी सखी मंडल' की प्रमुख भी हैं और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। महिलाओं से अपील करते हुए उन्होंने सखी मंडल में जुड़ने के लिए कहा।

उन्होंने पुणे में 15 दिनोंडीजीसीए नियमों की जानकारी के साथ-साथ प्रैक्टिकल सत्र भी शामिल था। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने बनासकांठा के वाव, थराद, डीसा, वडगाम और मेहसाणा जिलों में ड्रोन की मदद से कीटनाशकों का छिड़काव शुरू किया।

Point of View

बल्कि यह देश की कृषि व्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का परिचय दे रही हैं, और हमें गर्व है कि हम उनके साथ हैं।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

ड्रोन दीदी योजना क्या है?
ड्रोन दीदी योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
आशाबेन चौधरी ने इस योजना का लाभ कैसे उठाया?
आशाबेन ने इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त किया और ड्रोन का उपयोग करके कीटनाशक का छिड़काव कर आय बढ़ाई।
यह योजना महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपनी पहचान बना सकें।