क्या गुजरात की 'स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना' छोटे शहरों के लिए 'बड़ी सरकार' बन गई है?

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क्या गुजरात की 'स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना' छोटे शहरों के लिए 'बड़ी सरकार' बन गई है?

सारांश

गुजरात ने 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत छोटे शहरों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। जानें कैसे यह योजना छोटे शहरों के लिए 'बड़ी सरकार' बनने जा रही है।

Key Takeaways

  • गुजरात ने 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
  • मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने छोटे शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना ने बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया है।
  • जल प्रबंधन और भूमिगत सीवेज योजनाएं इस योजना का हिस्सा हैं।
  • इस योजना से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।

गांधीनगर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात ने 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में पहली बार 2005 में इसे मनाया था। उस समय से शुरू हुई राज्य की शहरी विकास यात्रा अब 20 वर्ष पूरे कर चुकी है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस यात्रा को तेज़ी से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है, और उन्होंने 2025 को पुनः शहरी विकास वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। इसके अंतर्गत, राज्य सरकार 'स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना' (एसजेएमएसवीवाई) के माध्यम से सभी शहरों के नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग में सुधार के लिए प्रयासरत है।

गुजरात ने जब 2010 में अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मनाई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2009-10 में इस योजना को लागू किया था। इस योजना के तहत राज्य के छोटे और बड़े शहरों के विकास को गति देने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शहरी नागरिकों के ईज ऑफ लिविंग में सुधार के लिए धन आवंटन में विशेष ध्यान दिया है, जिसके कारण छोटे शहरों में भी विकास कार्यों की धूम है।

राज्य सरकार ने इस योजना के माध्यम से विशेष रूप से छोटे शहरों में बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रयास किए हैं, जिससे यह योजना छोटे शहरों के लिए बड़ी सरकार बन गई है।

इस योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार ने 2014-15 से 2024-25 तक लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से जल प्रबंधन और भूमिगत सीवेज योजनाओं को शुरू किया। इनमें से 2,526.98 करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं, जिससे छोटे शहरों के नागरिकों को पानी और सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपा गया है, जिसमें गुजरात अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (जीयूडीसी) शामिल है।

जीयूडीसी ने इस योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में कई विकास कार्य शुरू किए हैं, जिनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जलापूर्ति योजनाएं शामिल हैं।

स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में जल प्रबंधन ने छोटे शहरों को गंदे जल की समस्याओं से मुक्त किया है। जीयूडीसी ने 283.80 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के 16 प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।

जीयूडीसी ने 216.8 करोड़ रुपए की लागत से 10 जलापूर्ति प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं, जिससे हजारों नागरिकों को नियमित जलापूर्ति मिल रही है।

जीयूडीसी ने भूमिगत सीवेज योजना के 2,255.29 करोड़ रुपए के कार्य भी पूरे किए हैं, जिससे नागरिकों की स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

इस प्रकार, विभिन्न शहरों में भूमिगत सीवेज योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं, जो नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करने में सहायक साबित हो रहे हैं।

Point of View

बल्कि स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर को भी सुधारने का प्रयास कर रही है। इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा सकता है जो समग्र शहरी विकास को गति देगा।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना क्या है?
यह योजना गुजरात सरकार द्वारा छोटे और बड़े शहरों के विकास के लिए शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है।
इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं?
जल प्रबंधन, भूमिगत सीवेज योजना, और जलापूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं इस योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही हैं।
इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
इस योजना का लाभ सभी शहरी नागरिकों को मिलेगा, विशेष रूप से छोटे शहरों के निवासियों को।
यह योजना कब शुरू हुई थी?
यह योजना 2009-10 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।
क्या इस योजना से छोटे शहरों का विकास हुआ है?
जी हां, इस योजना के माध्यम से छोटे शहरों में विकास कार्यों की गति बढ़ी है।