क्या गुजरात की पीएम सूर्य घर योजना से लोग सौर ऊर्जा का लाभ उठा रहे हैं?

Click to start listening
क्या गुजरात की पीएम सूर्य घर योजना से लोग सौर ऊर्जा का लाभ उठा रहे हैं?

सारांश

गुजरात में पीएम सूर्य घर योजना ने सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे लोग न केवल अपनी बिजली की लागत को कम कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं। जानें कैसे यह योजना लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला रही है।

Key Takeaways

  • सौर ऊर्जा का उपयोग करें और बिजली बिल कम करें।
  • सरकार की सब्सिडी का लाभ उठाएं।
  • पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।
  • लोगों के लिए आर्थिक राहत का स्रोत।
  • 3.5 से 4 वर्षों में निवेश की वापसी।

कच्छ, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण विकल्प बन गई है। गुजरात के कच्छ जिले में, कई लोग सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक होकर सौर छत की सुविधाओं को अपनाने लगे हैं।

सौर ऊर्जा उपयोगकर्ता जिग्नाबेन परिनभाई ठक्कर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "मोदी सरकार की 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' सच में बहुत लाभकारी है। लोग इसे अपने घरों की छतों पर स्थापित कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी भी मिलती है। मेरे घर में दो एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और टीवी हैं। इस योजना का लाभ उठाने से मुझे काफी फायदा हुआ है। मैं सभी से आग्रह करती हूँ कि मोदी सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं।"

कोयले से बनने वाली बिजली पर्यावरण के लिए हानिकारक है, इसलिए पिछले चार वर्षों से राज्य और केंद्र सरकार ने हरित ऊर्जा के उत्पादन पर जोर दिया है। इसी क्रम में, 23 जनवरी 2024 से, सरकार ने 'प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' नामक एक सौर छत योजना लागू की है।

हरित ऊर्जा से छोटे और मध्यम परिवारों को आर्थिक लाभ मिल रहा है और बिजली बिल में कमी आ रही है। सौर छत परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सौर ऊर्जा प्रणाली ने लोगों को बिजली बिल के झंझट से भी राहत दिलाई है।

सरकार सौर पैनल लगाने के लिए 78,000 रुपए की सब्सिडी प्रदान कर रही है। 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम की लागत लगभग 1.50 लाख से 1.70 लाख रुपए तक होती है, जिसमें सरकार सोलर सिस्टम स्थापित करने के बाद 78,000 रुपए की सब्सिडी देती है। इस प्रकार, लगभग 92,000 रुपए में घर पर सोलर प्लांट स्थापित किया जा सकता है। 3.5 से 4 वर्षों में यह निवेश शून्य बिजली बिल के रूप में वापस मिल जाता है और फिर आपको मुफ्त बिजली प्राप्त होती है।

जो लोग सौर छतों का उपयोग करना चाहते हैं, वे pmsoorya.gov.in साइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली का बिल कम हो सकता है, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय बचत होती है। साथ ही, सौर ऊर्जा के उपयोग से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायु प्रदूषण में कमी आती है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।

सौर ऊर्जा प्रणाली के कारण भुज में जिग्नाबेन के घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। उनके घर में 3 किलोवाट का सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित किया गया है, जिससे प्रतिदिन लगभग 18 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है। इसमें से, उनके घर में लगभग 8 से 10 यूनिट की खपत होती है, जिससे लगभग 8 यूनिट की बचत होती है। इस प्रकार, शेष इकाइयों की गणना प्रतिवर्ष की जाती है, जिससे लगभग 4,000 से 6,000 रुपए का लाभ प्रतिवर्ष होता है, और यह राशि उनके बैंक खाते में जमा हो जाती है।

विशेषकर कच्छ और काठियावाड़ क्षेत्र में सूर्य की किरणें सीधे सोलर पैनल पर पड़ती हैं, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। आने वाले समय में किसान भी सोलर लगाकर खेती करके अच्छी कमाई करेंगे। इस सोलर प्लांट में कोई रखरखाव नहीं है, केवल पैनलों को हर 15 से 20 दिनों में धोना पड़ता है और धूल साफ करनी पड़ती है।

Point of View

बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है। यह योजना छोटे और मध्यम परिवारों के लिए आर्थिक राहत का जरिया बन रही है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

पीएम सूर्य घर योजना से क्या लाभ होता है?
इस योजना से लोग अपने घरों पर सौर पैनल लगाकर मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकते हैं और बिजली बिल में कमी ला सकते हैं।
क्या सौर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी देती है?
हाँ, सरकार सौर पैनल लगाने के लिए 78,000 रुपए की सब्सिडी प्रदान करती है।
सौर ऊर्जा से क्या फायदे होते हैं?
सौर ऊर्जा से बिजली बिल में कमी, पर्यावरण का संरक्षण, और दीर्घकालिक वित्तीय बचत होती है।
इस योजना के अंतर्गत आवेदन कैसे करें?
आप pmsoorya.gov.in पर जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कितने समय में सौर पैनल का निवेश वापस मिलता है?
3.5 से 4 वर्षों में निवेश शून्य बिजली बिल के रूप में वापस मिल जाता है।