क्या गुमनाम नायकों के योगदान को अस्वीकार करना अनुचित है? - वायुसेना प्रमुख

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क्या गुमनाम नायकों के योगदान को अस्वीकार करना अनुचित है? - वायुसेना प्रमुख

सारांश

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने गुमनाम नायकों के योगदान की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वायुसेना का संचालन केवल पायलटों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसके पीछे हजारों कर्मियों की मेहनत है। जानें इस विशेष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें।

Key Takeaways

  • गुमनाम नायकों का योगदान महत्वपूर्ण है।
  • वायुसेना की सफलता में पायलटों के साथ-साथ अन्य कर्मियों की भी भूमिका है।
  • सभी सदस्यों की मेहनत को मान्यता मिलनी चाहिए।
  • किसी भी ऑपरेशन में केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरी टीम की मेहनत होती है।
  • सुरक्षा तंत्र में जिम्मेदारी और भरोसा आवश्यक है।

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम में उद्धरण करते हुए बताया कि वायुसेना केवल पायलटों या गरुड़ कमांडो द्वारा संचालित नहीं होती, बल्कि इसके पीछे कई शाखाओं और सेवाओं में काम कर रहे हजारों लोग हैं, जो अपने-अपने स्तर पर चुपचाप महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यदि इन लोगों की भूमिका को नजरअंदाज किया जाए, तो यह एक बड़ी चूक होगी। एयर चीफ मार्शल ने कहा, “जब हमारे वायुयोद्धा साहसपूर्वक लड़ाई लड़ रहे हैं और जोखिम उठा रहे हैं, तो यह उनके विश्वास का परिणाम है कि उनके पीछे हर जिम्मेदारी सही तरीके से निभाई जा रही है। चाहे वे विमान के रखरखाव करने वाले हों या वे लोग जो हमारे परिवार का ध्यान रखते हैं, उन सभी पर हमारा पूरा भरोसा होता है। इसी विश्वास के साथ हम उड़ान भरते हैं।”

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बुधवार को ‘विंग्स ऑफ वेलर’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह आयोजन नई दिल्ली के सुब्रोतो पार्क स्थित एयर फोर्स ऑडिटोरियम में हुआ। इस अवसर पर एयर फोर्स वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष सरिता सिंह भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायुसेना केवल पायलटों या गरुड़ कमांडो के प्रयासों से नहीं चलती, बल्कि इसके पीछे कई शाखाओं में काम कर रहे हजारों कर्मियों की भूमिका होती है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम इन ‘गुमनाम नायकों’ के योगदान को नकारते हैं तो यह निस्संदेह अनुचित होगा। इस दौरान उन्होंने भारतीय वायुसेना के इन गुमनाम नायकों के लिए तालियों की अपील की। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि सर्वोच्च बलिदान सबसे बड़ा योगदान है, लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष खतरे का सामना किया और हर समय जोखिम उठाया। उन्होंने विशेष रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत टीमों को सराहा, जो अनिश्चित परिस्थितियों में भी अपनी प्रतिबद्धता से सेवा करती हैं।

उन्होंने कहा, “जो कोई भी ऑपरेशन के दौरान या विमान दुर्घटना में शहीद होता है, उसके साथ हमारा एक हिस्सा चला जाता है। क्योंकि उनके द्वारा लिए गए निर्णय उसी ज्ञान और अनुभव पर आधारित थे जो उस समय उनके पास था। परिस्थितियों में सही-गलत का आकलन करना हमेशा आसान नहीं होता।” वायुसेना प्रमुख ने भावुक होकर कहा कि जब भी हम अपने किसी साथी को खोते हैं, तो हम केवल उन्हें नहीं खोते, बल्कि उनके साथ बिताए पल और अनुभव भी खो देते हैं। लेकिन ये घटनाएं हमें और अधिक तैयार रहने और अपनी जिम्मेदारी निभाने का संकल्प भी देती हैं।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि जिस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम में वे शामिल थे, वह केवल लेखिका की नहीं, बल्कि उन सभी की है जिन्होंने इसमें योगदान दिया है। कार्यक्रम का समापन एयर चीफ मार्शल ने लेखिका और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हुए किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपने हर सदस्य की मेहनत और समर्पण के कारण ही एक सशक्त और अदम्य शक्ति बनी हुई है।

Point of View

बल्कि अनेक अन्य कर्मी भी हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता दिखाते हैं। उनका योगदान ना केवल आवश्यक है, बल्कि उनका सम्मान भी किया जाना चाहिए। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, और हमें सभी नायकों के योगदान को स्वीकार करना चाहिए।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय वायुसेना का क्या महत्व है?
भारतीय वायुसेना देश की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हवाई हमलों से रक्षा करती है।
गुमनाम नायक कौन होते हैं?
गुमनाम नायक वे कर्मचारी होते हैं जो बिना किसी पहचान के अपने कार्यों में योगदान देते हैं, जैसे कि तकनीकी स्टाफ, लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक कार्य।
वायुसेना प्रमुख का क्या संदेश था?
वायुसेना प्रमुख ने गुमनाम नायकों के योगदान को मान्यता देने और उनकी भूमिका को स्वीकार करने का संदेश दिया।