क्या गुरदासपुर में राहुल गांधी को बाढ़ प्रभावित गांवों में जाने से रोका गया? कांग्रेस नेताओं ने सरकार को घेरा

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का प्रशासन से टकराव
- बाढ़ से प्रभावित लोगों की दुर्दशा
- पंजाब सरकार की लापरवाही पर सवाल
- कांग्रेस नेताओं की एकजुटता
- समीक्षा की मांग और जांच की आवश्यकता
गुरदासपुर, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वे गुरदासपुर के दीनानगर इलाके में मकोड़ा पतन रावी दरिया के किनारे पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने का प्रयास किया। लेकिन, जिला प्रशासन ने उन्हें रावी दरिया के पार बसे गांवों में जाने से रोक दिया। इस दौरान राहुल गांधी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई।
राहुल गांधी ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे दरिया पार के गांवों के लोगों से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें क्यों रोका जा रहा है। मौके पर मौजूद एसपी युगराज सिंह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को समझाने का प्रयास किया।
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बहुत दुखद है कि राहुल गांधी बाढ़ पीड़ितों से मिलना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया, जबकि लोग उनकी राह देख रहे थे। चन्नी ने आरोप लगाया कि बाढ़ से पहले सरकार ने कोई ठोस इंतजाम नहीं किए। सरकारी लापरवाही के कारण ही यह बाढ़ आई और लोगों को भारी नुकसान हुआ। इसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार है।
गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी राहुल गांधी को रोके जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोगों से मिलने आए थे, उन्हें रास्ते में क्यों रोका गया? इसका जवाब केंद्र और पंजाब सरकार को देना चाहिए। रंधावा ने आगे आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने दोनों दरियों का पानी एक साथ छोड़ दिया, जिससे कई इलाके डूब गए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस मामले की जांच कराए।
गौरतलब है कि हाल ही में हुई भारी बारिश और दरियाओं के उफान से पंजाब के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है। खेतों की फसलें नष्ट हो गईं और कई गांवों के घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्यों में तेज बारिश और नदियों के उफान से राज्य के 13 जिलों के 1,400 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं, लाखों हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।