क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरुवार का अद्भुत मेल?

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क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरुवार का अद्भुत मेल?

सारांश

गुरुवार का सर्वार्थ सिद्धि योग, जो आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को आ रहा है, आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। जानें इस दिन के महत्व और विशेष उपाय जो आपकी सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व समझें।
  • गुरुवार के दिन विशेष उपाय करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा से धन और समृद्धि प्राप्त करें।
  • पीले वस्त्र पहनें और दान करें।
  • शास्त्रों में बताए गए विधियों का पालन करें।

नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को गुरुवार का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग भी शामिल है। इस दिन सूर्य सिंह राशि और चंद्रमा मेष राशि में स्थित रहेंगे।

दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:53 से शुरू होकर 12:42 पर समाप्त होगा। वहीं, राहुकाल का समय 1:51 से 3:24 बजे तक रहेगा।

अग्नि पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने इस दिन काशी में शिवलिंग की स्थापना की थी। इस दिन व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि जो जातक इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें पीले वस्त्र पहनने चाहिए और पीले फल-फूलों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से लाभ मिलता है। भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

इस दिन विद्या की देवी सरस्वती मां की पूजा करने से ज्ञान में भी वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।

इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं और 16 गुरुवार तक व्रत रखकर उद्यापन कर दें।

मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है।

व्रत शुरू करने के लिए, ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर पूजा करें। दीपकबृहस्पति

सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है।

इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसका मुहूर्त 11 सितंबर6:04 से शुरू होकर 1:58 बजे तक रहेगा।

Point of View

हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि धार्मिक परंपराएं और ज्योतिषीय संयोग हमेशा हमारे जीवन में सकारात्मकता लेकर आते हैं। ऐसे अवसरों का पालन करना न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है?
सर्वार्थ सिद्धि योग एक ज्योतिषीय योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है।
गुरुवार का महत्व क्या है?
गुरुवार को भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है, जो ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है।
इस दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन व्रत रखना, पूजा करना और गरीबों को दान देना लाभदायक होता है।
गुरुवार को कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए?
गुरुवार को पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान कब पूजा करनी चाहिए?
सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान सुबह के अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना सबसे उपयुक्त होता है।