क्या संतान और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- गुरुवार का व्रत संतान और सुख की प्राप्ति का साधन है।
- अभिजीत मुहूर्त का महत्व समझें।
- भगवान विष्णु की पूजा विधि को जानें।
- दान देने के महत्व को न भूलें।
- सुख-शांति के लिए केले के पत्ते की पूजा करें।
नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी का दिन गुरुवार को है। इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। सूर्य देव इस दिन कर्क राशि में स्थित रहेंगे, जबकि चंद्रमा 18 जुलाई को सुबह 3:39 बजे तक मीन राशि में रहेंगे, इसके पश्चात वे मेष राशि में गोचर करेंगे।
दृक पंचांग के अनुसार, गुरुवार को अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर 12 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा, वहीं राहुकाल दोपहर 2:10 बजे से 3:54 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग तब उत्पन्न होता है जब कोई विशेष नक्षत्र किसी विशेष दिन के साथ संगठित होता है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है।
अग्नि पुराण में भगवान बृहस्पति द्वारा काशी में शिवलिंग की स्थापना का उल्लेख है, जो गुरुवार के दिन उनकी पूजा का महत्व और भी बढ़ाता है।
अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, गुरुवार का व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से आरंभ किया जा सकता है। व्रत को 16 गुरुवार तक जारी रखना चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र धारण करना और पीले फल एवं फूलों का दान करना भी लाभकारी होता है।
गुरुवार को भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। इसके अतिरिक्त, विद्या की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। इस दिन किसी जरूरतमंद को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।
मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस दिन केले के पत्ते की पूजा विशेष रूप से की जाती है। व्रत की शुरुआत करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, ध्यान से भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। फिर केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। दीपक जलाएं, कथा सुनें और भगवान बृहस्पति की आरती करें। इस दिन पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।