क्या हैंडबॉल: गति और रोमांच का खेल, जिसमें टीमवर्क की भूमिका अहम है?

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क्या हैंडबॉल: गति और रोमांच का खेल, जिसमें टीमवर्क की भूमिका अहम है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि हैंडबॉल एक तेज गति का खेल है जिसमें टीमवर्क की अहम भूमिका होती है? यह खेल न केवल रोमांचक है, बल्कि इसकी रणनीतियाँ भी अद्वितीय हैं। जानें हैंडबॉल के इतिहास और इसकी ओलंपिक यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • हैंडबॉल एक तेज गति वाला खेल है।
  • टीमवर्क और रणनीति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • भारत में हैंडबॉल का विकास आवश्यक है।
  • हैंडबॉल ओलंपिक खेल है।
  • हैंडबॉल का इतिहास 19वीं शताब्दी से शुरू होता है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हैंडबॉल एक तेज गति वाला खेल है, जिसमें दो टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिलता है। इस खेल में गति, फुर्ती, रणनीति और टीमवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

19वीं शताब्दी के अंत में पहली बार हैंडबॉल खेला गया था। इसकी शुरुआत स्कैंडिनेवियाई देशों और जर्मनी के साथ हुई। प्रारंभ में यह 11 खिलाड़ियों वाला एक खेल था, जिसे आउटडोर खेला जाता था। इसे 'फील्ड हैंडबॉल' के नाम से जाना जाता था। 1910 के आस-पास स्वीडन में 'इंडोर हैंडबॉल' की शुरुआत हुई, जो फील्ड हैंडबॉल की तुलना में अधिक लोकप्रिय हुआ।

1919 में कार्ल शेलेंज ने नियमों में बदलाव किए और 1925 में पुरुषों का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया, जो जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के बीच था। हैंडबॉल ओलंपिक खेल भी है, जिसकी लोकप्रियता विश्वभर में बढ़ रही है।

फील्ड हैंडबॉल पहली बार 1936 ओलंपिक खेलों में आधिकारिक तौर पर शामिल हुआ, जिसके बाद 1952 में इसे प्रदर्शनी खेल के रूप में शामिल किया गया।

1972 के म्यूनिख ओलंपिक में पहली बार इंडोर हैंडबॉल खेला गया। 16 देशों के बीच यूगोस्लाविया की पुरुष टीम ने खिताब अपने नाम किया था।

अगले ओलंपिक में महिलाओं के इवेंट को भी शामिल किया गया। 1976 के ओलंपिक में पहली बार महिलाएं इस खेल में उतरीं, जिसमें सोवियत संघ की टीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

1938 से 1966 के बीच हैंडबॉल के दोनों फॉर्मेट में वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन हुआ।

60 मिनट के इस मुकाबले को 30-30 मिनट के दो हाफ में बांटा जाता है। आधुनिक हैंडबॉल में एक टीम में सात खिलाड़ी 40 मीटर गुणा 20 मीटर के इनडोर कोर्ट पर तैनात होते हैं।

इस खेल में खिलाड़ी गेंद को खुद के संपर्क से दूर किए बिना तीन कदम तक चल सकते हैं। अधिकतम तीन सेकंड ही गेंद को अपने हाथ में रखा जा सकता है।

इस खेल में खिलाड़ियों के बीच ज्यादा संपर्क की अनुमति नहीं है, लेकिन अगर कोई टीम डिफेंसिव होकर खेलती है, तो उसे चेतावनी दी जाती है। चेतावनी के बावजूद यदि टीम अपना रवैया नहीं बदलती, तो गेंद की पजेशन ले ली जाती है। गोल क्षेत्र में केवल गोलकीपर को ही जाने की अनुमति होती है। गेंद को घुटने से ऊपर हाथ या शरीर के किसी भी हिस्से से फेंका या हिट किया जा सकता है।

भारत में 1975 में हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना हुई। भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 1979 में खेला।

हैंडबॉल में भारत को ओलंपिक मेडल जीतने के लिए कई स्तरों पर मजबूत और दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। ग्रासरूट डेवलपमेंट, प्रोफेशनल लीग और अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के साथ भारत इस खेल में अपनी खास पहचान बना सकता है। खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि एक न एक दिन भारत इस खेल में भी ओलंपिक पदक अपने नाम करेगा।

Point of View

और इसके विकास के लिए आवश्यक है कि इसे स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ावा दिया जाए। अगर हम ग्रासरूट स्तर पर इस खेल को मजबूत करते हैं, तो निश्चित रूप से भारत का नाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन हो सकता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

हैंडबॉल कब खेला गया?
हैंडबॉल की शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंत में हुई थी।
भारत में हैंडबॉल कब शुरू हुआ?
भारत में हैंडबॉल फेडरेशन की स्थापना 1975 में हुई थी।
हैंडबॉल ओलंपिक खेल कब शामिल हुआ?
फील्ड हैंडबॉल पहली बार 1936 ओलंपिक खेलों में शामिल हुआ।
हैंडबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं?
एक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं।
भारत ने पहला अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल मैच कब खेला?
भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 1979 में खेला।
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