क्या हनुमान धारा मंदिर में भगवान हनुमान को मिला था 'आराम'?

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क्या हनुमान धारा मंदिर में भगवान हनुमान को मिला था 'आराम'?

सारांश

हनुमान धारा मंदिर, जो चित्रकूट में स्थित है, एक रहस्यमयी शीतल जलधारा का स्थान है। कहा जाता है कि भगवान हनुमान ने यहां अपनी पूंछ की जलन को शांत किया था। मंदिर की प्राचीनता और अद्भुत कथाएं इसे विशेष बनाती हैं। जानें इस मंदिर के रहस्यों के बारे में।

Key Takeaways

  • हनुमान धारा मंदिर धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
  • यहाँ की शीतल जल धारा रहस्यमय है और इसका उद्गम आज तक पता नहीं चला है।
  • मंदिर में भगवान हनुमान की कई मूर्तियाँ स्थापित हैं।
  • यह स्थान भक्तों के लिए श्रद्धा का प्रतीक है।
  • मंदिर के पास रोप-वे की सुविधा भक्तों के लिए सहायक है।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिव के अवतार अंजनी पुत्र हनुमान की आस्था देशभर में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। भारत के विभिन्न राज्यों में रामायण से जुड़े कई प्राचीन और सिद्ध पीठ मंदिर हैं, जहाँ भक्त मान्यताओं के अनुसार दर्शन के लिए आते हैं।

मध्य प्रदेश के चित्रकूट में एक महत्वपूर्ण हनुमान का मंदिर है, जिसका संबंध रामायण से है। मान्यता है कि इसी स्थान पर हनुमान ने अपनी पूंछ में लगी आग की जलन को शांत किया था।

हनुमान धारा मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित चित्रकूट धाम के समीप है, जो सीतापुर से मात्र आठ किलोमीटर की दूरी पर करवी में स्थित है। यह मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि विंध्य पर्वत श्रृंखला के पास एक शीतल जल धारा बहती है, जिसका उद्गम और विलुप्ति का स्थान रहस्य बना हुआ है। यह शीतल जलधारा हनुमान जी की पूंछ और कंधे पर गिरती है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में भगवान हनुमान के समक्ष की गई हर प्रार्थना पूरी होती है।

मंदिर के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि रावण की लंका को जलाने के बाद हनुमान के शरीर में गर्मी और जलन बढ़ गई थी। उन्होंने अपनी समस्याओं का समाधान श्रीराम जी से मांगा।

श्रीराम ने हनुमान को चित्रकूट की विंध्य पर्वत श्रृंखला के पास स्थित शीतल धारा के बारे में बताया और कहा कि वहाँ जाकर तुम्हारी समस्याओं का समाधान होगा। फिर क्या, हनुमान ने उसी शीतल जल में जाकर अपनी पूंछ की जलन को शांत किया और वहाँ तपस्या की।

इसी के बाद इस मंदिर का नाम हनुमान धारा पड़ा। मंदिर के थोड़ा आगे मां सीता की रसोई भी है, जहाँ आज भी पुराने बर्तन रखे हुए हैं। मान्यता है कि यहीं मां सीता ने ऋषियों को अपने हाथों से भोजन पकाकर परोसा था।

यह मंदिर बहुत प्राचीन है और भगवान हनुमान के दर्शन के लिए भक्तों को सीढ़ियों पर चढ़कर जाना पड़ता है। हालाँकि, अब मंदिर के पास रोप-वे की सुविधा भी उपलब्ध है।

इस मंदिर में भगवान हनुमान की कई छोटी-छोटी मूर्तियाँ स्थापित हैं, और एक विशाल मूर्ति पहाड़ पर बनी हुई है। कहा जाता है कि विज्ञान भी इस शीतल जलधारा के उद्गम और विलुप्ति का पता नहीं लगा पाया है, जो आज तक एक रहस्य बनी हुई है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हनुमान धारा मंदिर भारतीय संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यहाँ की मान्यताएँ और रहस्यमय जलधारा भक्तों को आकर्षित करती हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

हनुमान धारा मंदिर कहाँ स्थित है?
हनुमान धारा मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले में चित्रकूट धाम के पास स्थित है।
क्या यहाँ कोई विशेष मान्यता है?
हाँ, भक्तों का मानना है कि यहाँ भगवान हनुमान के समक्ष की गई हर प्रार्थना पूरी होती है।
क्यों हनुमान धारा का नाम पड़ा?
यह नाम तब पड़ा जब भगवान हनुमान ने यहाँ अपनी पूंछ की जलन को शांत किया था।
क्या मंदिर में कोई विशेष मूर्तियाँ हैं?
हाँ, यहाँ भगवान हनुमान की कई छोटी-छोटी मूर्तियाँ और एक विशाल मूर्ति पहाड़ पर स्थित है।
क्या वहाँ पहुँचने के लिए रोप-वे है?
हाँ, अब मंदिर के पास रोप-वे की सुविधा उपलब्ध है।