क्या खेल के क्षेत्र में और कुछ किया जा सकता है: हरभजन सिंह?

सारांश
Key Takeaways
- भारत में खेलों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
- जनसंख्या के अनुसार पदकों की संख्या संतोषजनक नहीं है।
- गांवों में प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान जरूरी है।
- सरकार को खेलों में अधिक निवेश करना चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन में सुधार की संभावना है।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा है कि देश में खेल के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। जनसंख्या के अनुसार, हम खेल के बड़े मंचों पर पदक लाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
राष्ट्र प्रेस को दिए गए साक्षात्कार में हरभजन ने कहा, "मुझे लगता है कि खेलों (एथलेटिक्स) में अभी भी बहुत कुछ किया जा सकता है। बस हमारी जनसंख्या को देखें और फिर उसकी तुलना पदक तालिका से करें। मेरा मानना है कि इन आंकड़ों में काफी सुधार हो सकता है। एक समय ऐसा आएगा जब खेल अधिकारियों और सरकार की जिम्मेदारी होगी कि वे खेलों को और भी बढ़ावा दें।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि कोशिशें जारी हैं और हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है, लेकिन अगर ये कोशिशें बढ़ें, तो यह और भी बेहतर होगा। गांवों में कई प्रतिभाशाली बच्चे हैं। अगर उन्हें सही मंच मिले, तो संभावनाओं का दायरा बहुत बड़ा है। हम बहुत कुछ कर सकते हैं। जब भी कोई एथलीट जीतता है, हम सभी को गर्व होता है। हम किसी भी ऐसे खेल में योगदान देने के लिए तैयार हैं जिसे समर्थन की जरूरत हो।"
हरभजन सिंह ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सरकार इसमें निवेश जारी रखेगी। अगर इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, तो मेरा मानना है कि हमारे नतीजे ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के बराबर हो सकते हैं। हमारी पदक तालिका में निश्चित रूप से सुधार हो सकता है।"
भारत में पिछले कुछ वर्षों में एथलेटिक्स में प्रगति देखने को मिली है। भारतीय दल एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। हालाँकि, हम अब भी अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में मुक्केबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, और जैवलिन जैसे खेलों में प्रगति देखने को मिली है, लेकिन अब भी ऐसे अनेक खेल हैं जिनमें बड़ा सुधार और निवेश जरूरी है ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हो।