क्या 1984 सिख विरोधी दंगों के पुलबंगश गुरुद्वारा मामले में हरपाल कौर की गवाही महत्वपूर्ण है?

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क्या 1984 सिख विरोधी दंगों के पुलबंगश गुरुद्वारा मामले में हरपाल कौर की गवाही महत्वपूर्ण है?

सारांश

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पुलबंगश गुरुद्वारा मामले में हरपाल कौर बेदी की गवाही पूरी हो गई। उन्होंने जगदीश टाइटलर को भीड़ को उकसाते हुए देखा था। अगली सुनवाई 21 जुलाई को है। क्या यह गवाही मामले की दिशा बदल देगी?

Key Takeaways

  • हरपाल कौर का बयान कोर्ट में महत्वपूर्ण है।
  • जगदीश टाइटलर की पहचान को लेकर स्पष्टता।
  • अगली सुनवाई 21 जुलाई को है।
  • सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
  • गवाही के दौरान धमकियों का खुलासा।

नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में चश्मदीद गवाह हरपाल कौर बेदी की गवाही पूरी हो गई है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को निर्धारित की गई है। हरपाल बेदी ने कहा कि उन्होंने जगदीश टाइटलर को गुरुद्वारा पुलबंगश में आकर भीड़ को उकसाते देखा था। भीड़ ने गुरुद्वारे को आग लगा दी थी।

इस मामले में जगदीश टाइटलर पर तीन सिखों (ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह) की हत्या और गुरुद्वारे में आगजनी के लिए उकसाने का आरोप है।

हरपाल कौर बेदी ने टाइटलर की पहचान कोर्ट में मौजूदगी के दौरान की। उन्होंने बताया कि उनके पति अमरजीत सिंह बेदी का पुलबंगश में इलेक्ट्रॉनिक्स का शोरूम था और मृतकों में एक गुरचरण सिंह, उनके कर्मचारी थे, जबकि बादल सिंह गुरुद्वारे में रागी थे।

हरपाल कौर ने क्रॉस-एग्जामिनेशन में खुलासा किया कि उन्होंने 2008 तक टाइटलर का नाम नहीं लिया था, क्योंकि उनके इकलौते बेटे को जान से मारने की धमकी मिल रही थी। उनके बेटे की 2015 में मृत्यु के बाद वह बिना डर के सच बोलने के लिए आगे आईं।

उन्होंने यह भी बताया कि 9 जुलाई को उन्हें कोर्ट में गवाही न देने के लिए धमकी मिली थी, जिसके खिलाफ उन्होंने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज की। हरपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें एक साल पहले मृतक कुलजीत सिंह दुग्गल ने पैसे देकर लालच देने की कोशिश की थी।

टाइटलर के वकील अनिल कुमार शर्मा ने दावा किया कि यह मामला झूठा और फर्जी है और टाइटलर को फंसाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने तर्क दिया कि हरपाल का बयान विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि उन्होंने इतने वर्षों तक चुप्पी साधे रखी।

सीबीआई ने मई 2023 में टाइटलर के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें उनके खिलाफ कई आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों के तहत आरोप तय किए थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हरपाल कौर का बयान इस मामले में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यह घटना न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए न्याय और सच्चाई की खोज का प्रतीक है। हमें इस मामले की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

हरपाल कौर की गवाही का क्या महत्व है?
हरपाल कौर की गवाही के माध्यम से, यह स्पष्ट होता है कि जगदीश टाइटलर की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है।
अगली सुनवाई कब है?
इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को निर्धारित की गई है।
क्या टाइटलर पर आरोप हैं?
जी हां, टाइटलर पर तीन सिखों की हत्या और गुरुद्वारे में आगजनी के लिए उकसाने का आरोप है।