क्या हरियाणा की धरती ने खेलों के जरिए देश को विश्वस्तरीय पहचान दिलाई?
सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा सरकार ने खेलों के लिए 989 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
- मुख्यमंत्री ने 2026 राष्ट्रमंडल खेलों और 2028 ओलंपिक में पदक की उम्मीद जताई।
- प्रत्येक जिले में हाई परफॉर्मेंस सेंटर होंगे।
- खेल अब रोजगार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है।
- हरियाणा में 15,634 खिलाड़ियों को खेल उपकरण दिए गए हैं।
सोनीपत, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोनीपत में स्थित राई स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में आयोजित 'नेक्स्ट जेन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' विषयक कांफ्रेंस में भाग लिया और मुख्य मंच से अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य खेल क्षेत्र के लिए एक स्पष्ट रोड मैप तैयार करना है, जो भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका को सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि हरियाणा की धरती ने हमेशा खेलों के माध्यम से भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। राज्य के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों और 2028 ओलंपिक में हमारे खिलाड़ी पदक तालिका में शीर्ष स्थान पर रहेंगे।
सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में खेल क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत युवा जनसंख्या वाले देश में एक अलग रणनीति की आवश्यकता है और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का भारतीयकरण चार 'एम' पर आधारित है- मॉडल, माइंडसेट, मैनेजमेंट, मोरल वैल्यूज और मॉडर्निटी। इन्हें अपनाकर भारत अगले दशक में विश्व स्तर पर खेल प्रबंधन में नया मुकाम हासिल कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हर जिले में हाई परफॉर्मेंस सेंटर, पंचायत स्तर पर मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और मोबाइल ट्रेनिंग लैब्स के माध्यम से प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेल अब केवल खिलाड़ियों का विषय नहीं, बल्कि रोजगार का भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सुविधाओं के अंतर को अवसर में बदलना हरियाणा सरकार की प्राथमिकता है।
सैनी ने जानकारी दी कि पिछले 11 वर्षों में हरियाणा सरकार ने खेलों पर 989 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जबकि 2014-15 में यह बजट केवल 275 करोड़ रुपए था। इस वित्त वर्ष में खेल बजट 589 करोड़ 69 लाख रुपए निर्धारित किया गया है।
राज्य में वर्तमान में 3 राज्य स्तरीय खेल परिसर, 21 जिला खेल परिसर, 25 उपमंडल स्टेडियम, 163 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर, 245 ग्रामीण स्टेडियम, 382 इनडोर जिम, 10 स्विमिंग पूल, 11 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 11 हॉकी एस्ट्रो टर्फ, 2 फुटबॉल सिंथेटिक सतह और 9 बहुउद्देशीय हाल कार्यरत हैं। इसके अलावा, 16 जिलों में जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में सुविधा निर्माण का कार्य 3 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 15,634 खिलाड़ियों को खेल उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं और वर्तमान में प्रदेश में 1,489 खेल नर्सरी में 37,000 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।