क्या कर्नाटक के हासन में 10वीं की छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया? बस ड्राइवर पर यौन उत्पीड़न का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- यौन उत्पीड़न का मामला गंभीर है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता है।
- लोगों को इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
- पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए।
- समाज को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
हासन, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के हासन जिले के चन्नरायपट्टना तालुक में एक १०वीं कक्षा की छात्रा के बच्चे का जन्म होना एक चौंकाने वाला मामला बन गया है। छात्रा ने एक बस ड्राइवर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।
आरोप है कि उसी स्कूल के एक बस ड्राइवर ने प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली इस छात्रा का यौन उत्पीड़न किया और जब छात्रा प्रेग्नेंट हो गई, तो वह फरार हो गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिनों तक लड़की और बच्चे की देखभाल करने के बाद, उन्हें महिला एवं बाल कल्याण विभाग के आराम केंद्र में भेजने का निर्णय लिया गया है। बस ड्राइवर के खिलाफ नुग्गेहल्ली पुलिस स्टेशन में पीओसीएसओ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच में सामने आया है कि बस ड्राइवर रोज़ छात्रा को चॉकलेट का लालच देता था। इसी लालच में छात्रा का यौन उत्पीड़न किया गया, जिसके परिणामस्वरूप वह प्रेग्नेंट हो गई और दो दिन पहले उसने एक बच्ची को जन्म दिया।
बस ड्राइवर की पहचान चन्नरायपट्टना तालुक के बारगुरु गांव के निवासी रंजीत के रूप में हुई है, जो लंबे समय से स्कूल की बस चला रहा था।
पुलिस ने बताया कि बस ड्राइवर की गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनाई गई है और सूचना प्राप्त करने के लिए मुखबिर तैनात किए गए हैं। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा और छात्रा की स्थिति ठीक है। पूरे मामले की गहराई से जांच चल रही है। स्कूल में बस चलाने वाले और अन्य ड्राइवरों से भी पूछताछ की जा रही है।
यदि आवश्यक हुआ, तो छात्रा से भी पूछताछ की जा सकती है ताकि इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया जा सके। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि बस ड्राइवर ने और किन छात्राओं का उत्पीड़न किया था।
लोगों ने मांग की है कि इस अमानवीय कृत्य के लिए दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उन्होंने स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी प्रदर्शन किया और लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर स्कूल प्रशासन ने ध्यान दिया होता तो ऐसी घटनाएँ न होतीं।