क्या हेडगेवार का देश के लिए योगदान अतुलनीय है? उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए: आमिर रशीद

सारांश
Key Takeaways
- डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का योगदान अतुलनीय है।
- भारत रत्न उनके योगदान का उचित सम्मान नहीं है।
- भारत सरकार को उनकी विचारधारा को मान्यता देनी चाहिए।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।
- स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान महत्वपूर्ण है।
अलीगढ़, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को ‘भारत रत्न’ देने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को केशव बलिराम हेडगेवार को ‘भारत रत्न’ देना चाहिए।
दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "डॉ. हेडगेवार एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनकी विचारधारा का प्रतीक है, जो जल्द ही अपने १०० वर्ष पूरे करने जा रहा है। देश के लिए उनका योगदान ‘भारत रत्न’ से भी बढ़कर है। पहले की सरकारों ने स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के योगदान को नजरअंदाज किया। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि डॉ. हेडगेवार को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत रत्न उनके लिए बहुत छोटी बात है। मेरा मानना है कि भारत सरकार को आगे बढ़कर केशव बलिराम हेडगेवार के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग करनी चाहिए, जो उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।"
केशव बलिराम हेडगेवार को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने में देरी के सवाल पर उन्होंने कहा, "भाजपा को सत्ता में १० साल से अधिक हो चुके हैं और उन्हें जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए। राष्ट्रवादी विचारधारा के कई क्रांतिवीर, जैसे वीर सावरकर, मदानलाल ढींगरा, गुरु गोलवलकर और केशव बलिराम हेडगेवार, जिन्हें अब तक यह सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे लगता है कि इन लोगों को सम्मान नहीं मिलने के पीछे राजनीतिक कारण हैं।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की मांग उठी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए पत्र में यह आग्रह किया गया है कि हेडगेवार के राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को सम्मानित किया जाए।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि डॉ. हेडगेवार न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रणेता और संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता रखने वाले दूरदर्शी नेता थे। उनके जीवन और विचारों से आज भी करोड़ों लोग प्रेरणा ले रहे हैं।