क्या हेमंत सोरेन त्याग करने के आदी हैं? राजेश ठाकुर का बयान

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क्या हेमंत सोरेन त्याग करने के आदी हैं? राजेश ठाकुर का बयान

सारांश

झामुमो के बिहार विधानसभा चुनाव में भाग न लेने के फैसले पर कांग्रेसी नेता राजेश ठाकुर का बयान। क्या हेमंत सोरेन के त्याग की आदत गठबंधन को प्रभावित कर रही है? जानिए इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे के कारण।

Key Takeaways

  • झामुमो का बिहार चुनाव में भाग न लेना गठबंधन में तनाव का संकेत है।
  • राजेश ठाकुर का बयान गुस्से में आक्रोश का संकेत है।
  • हेमंत सोरेन का त्याग करना उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।

रांची, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने से मना कर दिया है। इसके बाद यह चर्चा होने लगी है कि इंडिया ब्लॉक में स्थिति अनुकूल नहीं है। झामुमो के नेताओं ने राजद और कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप लगाया। इस पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि कभी-कभी गुस्से में कुछ बातें बाहर आ जाती हैं।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है। हमें लगता है कि उन्हें गठबंधन में बने रहना चाहिए था। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो वे लोग बेहतर बता पाएंगे जो इस गठबंधन की चर्चा कर रहे थे।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि जेएमएम का आक्रोश समझ में आता है, क्योंकि वे इंडिया गठबंधन के हमारे साथी हैं और पूरे देश में वे हमारे सहयोगी दलों में शामिल हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि कई कारण हो सकते हैं और समय पर हर चीज संभव नहीं हो पाई होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लगातार गठबंधन के नेताओं की बातचीत हो रही है और हमें विश्वास है कि सब कुछ सही होगा। हेमंत सोरेन त्याग करने के आदी हैं। उन्होंने पहले भी राजद के लिए त्याग किया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गठबंधन की समय-समय पर समीक्षा होती रहती है। यह नई बात नहीं है। हम अपने कार्यों की समीक्षा करते हैं कि कौन क्या कर रहा है और कौन क्या नहीं कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने कुछ कहा होगा और हमें नहीं लगता कि यह कोई बड़ी बात है। यह प्रक्रिया चलती रहती है। जब गठबंधन के सदस्य एक-दूसरे से बात करते हैं, तो इस तरह की बातें सामने आती हैं। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

झामुमो के आरोपों पर उन्होंने कहा कि आक्रोश में कई लोग कुछ बातें कर देते हैं। हमें लगता है कि शब्दों की एक सीमा होनी चाहिए। आक्रोश उचित है। वे गठबंधन के साथी हैं, उन्होंने पहले झारखंड में राजद को सीट देने का काम किया है। इसलिए वे ऐसा सोचते हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि सब कुछ गठबंधन में ठीक है और ऐसी बातें कभी-कभी गुस्से में की जाती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा करके सब कुछ सुलझा लेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक गठबंधनों में तनाव और समीक्षाएँ सामान्य हैं। गठबंधन के सदस्यों के बीच संवाद आवश्यक है, ताकि सभी मुद्दों का समाधान किया जा सके। हेमंत सोरेन का त्याग करने की आदत पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे समझदारी और संयम के साथ किया जाना चाहिए।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

हेमंत सोरेन के त्याग करने की आदत का क्या मतलब है?
हेमंत सोरेन का त्याग करने की आदत यह दर्शाती है कि वे राजनीतिक हितों के लिए व्यक्तिगत लाभ को छोड़ने में विश्वास रखते हैं।
झामुमो ने बिहार चुनाव में भाग क्यों नहीं लिया?
झामुमो ने गठबंधन में असहमति के कारण बिहार विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया।
राजेश ठाकुर ने झामुमो के आरोप पर क्या कहा?
राजेश ठाकुर ने कहा कि गुस्से में आक्रोश व्यक्त करना सामान्य है, और इसे समझना चाहिए।