क्या समुद्र में तैरते-तैरते लापता हुए ऑस्ट्रेलिया के पीएम हेरोल्ड होल्ट का रहस्यमय अंत?
सारांश
Key Takeaways
- हेरोल्ड होल्ट का लापता होना एक रहस्यमय घटना है।
- आधिकारिक जांच ने इसे दुर्घटना घोषित किया।
- इस घटना ने कई थ्योरीज को जन्म दिया।
- साजिश के आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला।
- यह कहानी आज भी लोगों को आकर्षित करती है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में 17 दिसंबर 1967 का दिन एक बड़ा आश्चर्य लेकर आया। सभी लोग चकित रह गए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री हेरोल्ड होल्ट अचानक समुद्र में तैरते हुए लापता हो गए। विक्टोरिया प्रांत के चेवियट बीच पर हुई यह घटना आज भी राजनीति के इतिहास में सबसे रहस्यमय घटनाओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि न तो उनका शव कभी मिला और न ही कोई निश्चित सत्य सामने आया।
हेरोल्ड होल्ट को तैराकी का बहुत शौक था और समुद्र के प्रति उनका विशेष प्रेम था। उस दिन मौसम खराब था, समुद्र में तेज़ लहरें और खतरनाक रिप करंट मौजूद थे, फिर भी वे पानी में उतरने से नहीं चूके। कुछ ही क्षणों में, वे लहरों में गायब हो गए। गवाह कुछ समझ पाते, उससे पहले ही ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री समुद्र में समा चुका था।
घटना के बाद, सरकार ने एक खोज अभियान शुरू किया। नौसेना, वायुसेना, गोताखोरों और स्वयंसेवकों ने कई दिनों तक समुद्र और तट की खोज की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अंततः आधिकारिक जांच ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह एक दुर्घटनात्मक डूबने की घटना थी, जिसमें समुद्र की तेज़ धाराओं ने निर्णायक भूमिका निभाई। फिर भी, शव न मिलने के कारण सवालों का अंत नहीं हुआ।
इस अनिश्चितता ने कई वैकल्पिक सिद्धांतों को जन्म दिया, जिनमें आत्महत्या की संभावना भी शामिल थी। कुछ लोगों का मानना था कि वियतनाम युद्ध, राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत तनाव के कारण होल्ट मानसिक रूप से परेशान थे और उन्होंने जानबूझकर खतरनाक समुद्र में प्रवेश किया। लेकिन उनके परिवार और सहयोगियों ने इस विचार को खारिज किया। जांच में भी ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला, जिससे आत्महत्या की थ्योरी को स्वीकार किया जा सके।
सबसे अधिक चर्चा में रही साजिश-थ्योरी, जिसमें अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का नाम जोड़ा गया। लेखक एंथनी ग्रे की पुस्तक “द प्राइम मिनिस्टर वॉज अ स्पाई” ने दावा किया कि हेरोल्ड होल्ट का संबंध सीआईए और एमआई6 जैसी एजेंसियों से था और शीत युद्ध के दौरान वे गुप्त गतिविधियों में शामिल थे। कुछ कहानियों में तो कहा गया कि उन्हें जानबूझकर गायब कर दिया गया। लेकिन इन दावों का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं मिला। ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी एजेंसियों ने भी इन आरोपों को निराधार बताया।
2005 में की गई न्यायिक जांच ने स्पष्ट रूप से कहा कि विदेशी एजेंसियों, जासूसी या आत्महत्या से संबंधित सिद्धांतों का कोई ठोस आधार नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक आत्मविश्वास और समुद्र की खतरनाक परिस्थितियों का गलत आकलन ही इस त्रासदी का सबसे विश्वसनीय कारण है।
इसके बावजूद, हेरोल्ड होल्ट की कहानी आज भी लोगों का ध्यान आकर्षित करती है। एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो सत्ता में रहते हुए समुद्र में उतरा और फिर कभी वापस नहीं लौटा।