क्या टेस्ट मैचों में स्टॉप क्लॉक का प्रयोग होगा?

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क्या टेस्ट मैचों में स्टॉप क्लॉक का प्रयोग होगा?

सारांश

आईसीसी ने क्रिकेट के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनमें टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर शॉर्ट रन, और डीआरएस प्रोटोकॉल शामिल हैं। ये बदलाव विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र में लागू होंगे। जानिए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक का प्रयोग शुरू होगा।
  • जानबूझकर सलाइवा पर गेंद बदलने की अनिवार्यता खत्म।
  • डीआरएस प्रोटोकॉल में बदलाव।
  • घरेलू क्रिकेट में पूर्णकालिक स्थानापन्न का ट्रायल होगा।
  • जानबूझकर शॉर्ट रन पर पेनल्टी जारी रहेगी।

दुबई, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। आईसीसी ने हाल ही में पुरुष अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अपने खेल नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव को मंज़ूरी दी है, जिनमें बाउंड्री कैच नियम और वनडे में 35वें ओवर से केवल एक गेंद का इस्तेमाल शामिल है। इनमें से कुछ नियम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (2025-27) के नए चक्र में लागू हो चुके हैं, जबकि सफेद गेंद वाले क्रिकेट के नियम 2 जुलाई से प्रभावी होंगे।

आईसीसी द्वारा सदस्य देशों के साथ साझा किए गए नियमों की जानकारी के आधार पर ईएसपीएन क्रिकइंफो तीनों प्रारूपों में हुए मुख्य बदलावों की जानकारी यहां दे रहा है।

टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक

सफेद गेंद वाले प्रारूपों में स्टॉप क्लॉक को शामिल करने के एक साल बाद, आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट में इसे लागू करने का निर्णय लिया है, क्योंकि धीमी ओवर गति लंबे समय से इस प्रारूप की समस्या रही है। इस नियम के अनुसार, फील्डिंग टीम को पिछले ओवर के समाप्त होने के एक मिनट के भीतर अगले ओवर के लिए तैयार रहना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अंपायर दो चेतावनियां देंगे। इसके बाद, गेंदबाजी टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगेगी। हर 80 ओवर के बाद चेतावनियां रीसेट कर दी जाएंगी। क्लॉक 0 से 60 तक गिनेगा। यह नियम पहले ही 2025-27 डब्ल्यूटीसी चक्र की शुरुआत से लागू हो चुका है।

जानबूझकर सलाइवा के इस्तेमाल पर अनिवार्य बॉल चेंज नहीं

गेंद पर सलाइवा लगाने की मनाही जारी है, लेकिन अब आईसीसी ने कहा है कि यदि गेंद पर सलाइवा पाया जाता है, तो अंपायरों के लिए तुरंत गेंद बदलना अनिवार्य नहीं होगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि टीमें जानबूझकर गेंद बदलवाने के लिए उस पर सलाइवा न लगाएं। अब गेंद तभी बदली जाएगी जब उसकी स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ हो, जैसे बहुत अधिक गीली हो या उसमें अतिरिक्त चमक हो। यह पूरी तरह अंपायर के विवेक पर छोड़ा गया है। यदि अंपायर यह तय करते हैं कि सलाइवा से गेंद की स्थिति नहीं बदली, लेकिन गेंद बाद में कुछ खास करने लगी, तब भी उसे बदला नहीं जाएगा। हालांकि, बल्लेबाजी टीम को पांच रन दिए जाएंगे।

आउट फैसले के बाद दूसरी अपील के लिए डीआरएस प्रोटोकॉल

कल्पना कीजिए - एक बल्लेबाज को कैच आउट दिया गया और उसने रिव्यू लिया। अल्ट्रा एज से पता चला कि गेंद पैड को छूकर गई थी, बल्ले को नहीं। जब कैच आउट खारिज हो गया, तब टीवी अंपायर दूसरे तरीके से एलबीडब्ल्यू की जांच करता है और बॉल-ट्रैकिंग से पुष्टि करता है। अब तक की व्यवस्था में यदि कैच आउट खारिज हो गया तो एलबीडब्ल्यू की स्थिति में डिफाल्ट फैसला 'नॉट आउट' माना जाता था, यानी यदि बॉल-ट्रैकिंग 'अंपायर कॉल' दिखाए तो बल्लेबाज नॉट आउट रहता। नए नियम में एलबीडब्ल्यू के लिए बॉल-ट्रैकिंग ग्राफिक पर 'ओरिजिनल डिसीजन' लेबल 'आउट' दिखाएगा। अगर नतीजा 'अंपायर कॉल' हो तो बल्लेबाज आउट माना जाएगा।

फैसले की क्रमिकता से जांच

आईसीसी ने संयुक्त समीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया है, जहां अंपायर और खिलाड़ी दोनों ने रिव्यू लिया हो। अब फैसले उनकी घटित क्रम में लिए जाएंगे। पहले टीवी अंपायर पहले अंपायर की समीक्षा लेता था, फिर खिलाड़ी की। संशोधित नियम 3.9 के अनुसार, "अगर पहले मामले में बल्लेबाज आउट घोषित होता है, तो गेंद वहीं डेड मान ली जाएगी और दूसरे मामले की जांच की जरूरत नहीं रहेगी।" उदाहरण के लिए, अगर एलबीडब्ल्यू और रनआउट दोनों की अपील हो तो टीवी अंपायर पहले एलबीडब्ल्यू की जांच करेगा, क्योंकि वह पहले हुआ। यदि बल्लेबाज आउट है तो गेंद डेड मानी जाएगी।

नो-बॉल की स्थिति में कैच की निष्पक्षता की जांच

मान लीजिए ऑन-फील्ड अंपायरों को यकीन नहीं है कि कैच क्लीन लिया गया है या नहीं, तभी टीवी अंपायर बता देता है कि वह नो-बॉल थी। पुराने नियमों में नो-बॉल घोषित होते ही कैच की जांच की जरूरत नहीं होती थी। नए नियमों के अनुसार, अब तीसरा अंपायर कैच की जांच करेगा। यदि कैच क्लीन था तो बल्लेबाजी टीम को सिर्फ नो-बॉल का अतिरिक्त रन मिलेगा। अगर कैच क्लीन नहीं था तो बल्लेबाजों द्वारा लिए गए रन जोड़ दिए जाएंगे।

जानबूझकर शॉर्ट रन

अब तक यदि किसी बल्लेबाज को शॉर्ट रन लेते हुए पकड़ा जाता था, तो टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगती थी। नए नियमों में यदि किसी बल्लेबाज को जानबूझकर रन चुराने के इरादे से क्रीज में नहीं पहुंचते हुए पाया गया, तो अंपायर फील्डिंग टीम से पूछेंगे कि अगली गेंद पर कौन बल्लेबाज स्ट्राइक पर रहेगा। पांच रन की पेनल्टी जारी रहेगी।

नियम 18.5.1 के अनुसार, "जानबूझकर शॉर्ट रन का मतलब है, जब बल्लेबाज एक से अधिक रन लेने की कोशिश करते हैं और कम से कम एक बल्लेबाज जानबूझकर अपने एंड पर क्रीज में नहीं पहुंचता है।" बल्लेबाज अगर रन बीच में ही छोड़ देते हैं और अंपायर मानते हैं कि उनका इरादा धोखा देने का नहीं था, तो पेनल्टी नहीं लगेगी।

घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पूर्णकालिक स्थानापन्न

अगर किसी खिलाड़ी को गंभीर बाहरी चोट लगती है, तो आईसीसी ने सदस्य बोर्डों से घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऐसे खिलाड़ियों के लिए पूर्णकालिक स्थानापन्न का ट्रायल करने को कहा है। स्थानापन्न खिलाड़ी उसी प्रकार का होना चाहिए, जैसा कन्कशन सब के मामले में होता है। चोट का स्पष्ट और दृश्य प्रमाण होना जरूरी है ताकि मैच अधिकारी अनुमोदन दे सकें। यह नियम मांसपेशियों में खिंचाव या मामूली चोटों के मामलों पर लागू नहीं होगा।

यह नियम परीक्षण के तौर पर लागू किया जाएगा और इसे लागू करना पूरी तरह सदस्य देशों के विवेक पर है।

Point of View

खेल को और भी प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में सहायक होंगे। हमें उम्मीद है कि ये परिवर्तन खिलाड़ियों और दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाएंगे।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

टेस्ट मैचों में स्टॉप क्लॉक लागू होने का क्या फायदा है?
स्टॉप क्लॉक का उपयोग धीमी ओवर गति की समस्या को हल करने के लिए किया जाएगा, जिससे खेल की गति में सुधार होगा।
जानबूझकर सलाइवा लगाने पर गेंद बदलने की आवश्यकता क्यों नहीं होगी?
इस बदलाव का लक्ष्य टीमें जानबूझकर गेंद बदलने के लिए सलाइवा का उपयोग न करें। अंपायर के विवेक पर गेंद बदलने का फैसला होगा।
डीआरएस प्रोटोकॉल में क्या बदलाव आया है?
नए नियम में एलबीडब्ल्यू के लिए बॉल-ट्रैकिंग ग्राफिक पर 'ओरिजिनल डिसीजन' लेबल 'आउट' दिखाएगा।
घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पूर्णकालिक स्थानापन्न का क्या मतलब है?
यह नियम गंभीर चोट के मामले में एक स्थानापन्न खिलाड़ी को शामिल करने की अनुमति देगा।
जानबूझकर शॉर्ट रन की पेनल्टी कैसे लागू होगी?
यदि बल्लेबाज जानबूझकर क्रीज में नहीं पहुंचता है, तो पेनल्टी के रूप में पांच रन की पेनल्टी लगेगी।