क्या आईआईएम जम्मू और आईसीएमएआई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए?

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क्या आईआईएम जम्मू और आईसीएमएआई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए?

सारांश

भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू और आईसीएमएआई ने मिलकर एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग प्रबंधन शिक्षा और व्यावसायिक विकास में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए है। समझौता दोनों संस्थानों के लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण के नए अवसरों का द्वार खोलेगा।

Key Takeaways

  • आईआईएम जम्मू और आईसीएमएआई के बीच समझौता।
  • व्यावसायिक विकास के लिए शोध एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • शैक्षणिक उत्कृष्टता में सहयोग
  • नवीनतम अवसरों का सृजन।
  • देश में व्यावसायिक शिक्षा को आगे बढ़ाना।

जम्मू, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू ने बुधवार को आईआईएम जम्मू के जगती परिसर के बोर्डरूम में भारतीय लागत लेखाकार संस्थान (आईसीएमएआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह सहयोग प्रबंधन शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह समझौता ज्ञापन दोनों प्रमुख संस्थानों के बीच सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, जिससे वे संयुक्त रूप से प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी), विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यकारी शिक्षा और संकाय विकास कार्यक्रम तैयार और संचालित कर सकेंगे। यह अनुसंधान सहयोग, संयुक्त संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, पाठ्यक्रम विकास और शैक्षणिक संसाधनों के माध्यम से ज्ञान के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त करता है।

आईआईएम के निदेशक प्रो. बीएस सहाय ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के साथ यह समझौता ज्ञापन आईआईएम जम्मू के शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान-संचालित नवाचार और प्रभावशाली कार्यकारी शिक्षा पर आधारित एक इकोसिस्‍टम के निर्माण के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि यह सहयोग न केवल दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था की उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए सही ज्ञान, मूल्यों और कौशल वाले पेशेवरों और नेताओं को विकसित करने के लिए एक मंच भी तैयार करेगा।

आईसीएमएआई के परिषद सदस्य, सीएमए नवनीत कुमार जैन ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन व्यावसायिक शिक्षा को आगे बढ़ाने और लागत एवं प्रबंधन लेखांकन में भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं को तैयार करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।

आईसीएमएआई के सचिव (कार्यवाहक) सीएमए डॉ. देबप्रसन्ना नंदी ने कहा कि आईसीएमएआई इस समझौता ज्ञापन को व्यावसायिक विकास और ज्ञान प्रसार के अपने मिशन को आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर मानता है।

आईआईएम जम्मू के संकाय एवं अनुसंधान के डीन प्रो. जाबिर अली ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह साझेदारी संस्थान के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, पाठ्यक्रम डिजाइन को समृद्ध करेगी और नवाचार के नए अवसर पैदा करेगी।

Point of View

बल्कि देश की शिक्षा प्रणाली के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिखाता है कि कैसे उच्च शिक्षा संस्थान एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करके समाज और उद्योग के लिए बेहतर प्रतिभा विकसित कर सकते हैं।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

आईआईएम जम्मू और आईसीएमएआई के बीच सहयोग का उद्देश्य क्या है?
यह सहयोग प्रबंधन शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए है।
क्या इस समझौते से छात्रों को लाभ होगा?
हां, यह समझौता छात्रों, पेशेवरों और समग्र समाज के लिए दीर्घकालिक लाभ लेकर आएगा।