क्या आपने देखा आईआईटी मद्रास का 62वां दीक्षांत समारोह?

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क्या आपने देखा आईआईटी मद्रास का 62वां दीक्षांत समारोह?

सारांश

आईआईटी मद्रास ने अपने 62वें दीक्षांत समारोह में 3,227 छात्रों को डिग्री दी। इस समारोह में अजित डोभाल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। जानिए इस समारोह की खास बातें और दीक्षांत समारोह के दौरान की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं।

Key Takeaways

  • 3,227 छात्रों को दी गई डिग्री
  • मुख्य अतिथि अजित डोभाल
  • नई आईकेएस कॉरिडोर की शुरुआत
  • 400 से ज्यादा पेटेंट दाखिल
  • 100 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन

चेन्नई, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने अपने 62वें दीक्षांत समारोह में 3,227 छात्रों को डिग्री प्रदान की। इस समारोह में कुल 3,661 डिग्रियां (जिनमें संयुक्त और ड्यूल डिग्रियां शामिल हैं) और 529 पीएचडी डिग्रियां दी गईं। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल शामिल हुए।

पद्म विभूषण (2024) से सम्मानित प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम विशिष्ट अतिथि रहीं। समारोह की अध्यक्षता आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने की, जिसमें संस्थान के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी, फैकल्टी, स्टाफ और छात्र शामिल हुए।

इस दीक्षांत समारोह में 820 बी.टेक, 312 ड्यूल डिग्री बी.टेक, 711 एम.टेक, 173 एम.एससी, 85 एम.ए., 181 एग्जीक्यूटिव एमबीए, 93 एमबीए, 73 पीजी डिप्लोमा और 250 एम.एस. डिग्रियां प्रदान की गईं। इसके अलावा, 529 पीएचडी डिग्रियों में 10 संयुक्त डिग्रियां भी शामिल थीं, जो ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फ्रांस और जर्मनी के विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर दी गईं।

प्रो. वी. कामकोटी ने इस मौके पर पिछले एक साल की उपलब्धियों पर आधारित निदेशक रिपोर्ट प्रस्तुत की। आईआईटी मद्रास के लिए यह साल कई मायनों में खास रहा। संस्थान ने 2024-25 में पहली बार 100 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया, 400 से ज्यादा पेटेंट दाखिल किए और 'प्रति दिन एक पेटेंट' के अपने लक्ष्य को पार किया। इसके अलावा, 'फाइन आर्ट्स एंड कल्चर एक्सीलेंस' (एफएसीई) श्रेणी में पहली बार कलाकारों को दाखिला दिया गया और आईआईटी मद्रास द्वारा इनक्यूबेटेड स्टार्टअप 'एथर' पहली बार सार्वजनिक हुआ।

दीक्षांत समारोह के बाद, अजित डोभाल ने आईआईटी मद्रास में भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र (आईकेएस कॉरिडोर) का उद्घाटन भी किया। यह केंद्र एक अंतरविषयक अनुसंधान केंद्र के रूप में काम करेगा, जिसमें मानविकी और सामाजिक विज्ञान, सिविल इंजीनियरिंग, मेटलर्जिकल और मैटेरियल्स इंजीनियरिंग, और कंप्यूटर साइंस जैसे विभाग शामिल होंगे।

इस केंद्र का अनुसंधान भारतीय गणित, खगोल विज्ञान, सौंदर्यशास्त्र, भाषा विज्ञान, संस्कृत, योग, भारतीय दर्शन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, टिकाऊ वास्तुकला, पारंपरिक धातु विज्ञान, भारतीय संगीत और नाट्यशास्त्र जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। उद्घाटन कृष्णा चिवुकुला ब्लॉक में प्रो. वी. कामकोटी, डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम, प्रो. राजेश कुमार (विभागाध्यक्ष, मानविकी और सामाजिक विज्ञान), और प्रो. दीपक परमशिवन (आईकेएस समन्वयक) की उपस्थिति में हुआ।

संस्थान ने एआई, डेटा साइंस, सेफ्टी साइंस, सेंसिंग और विजन जैसे क्षेत्रों में कई अनुसंधान पहलों को समर्थन दिया है। दीक्षांत समारोह के बाद विभिन्न विभागों में डिग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां छात्रों को व्यक्तिगत रूप से डिग्रियां प्रदान की गईं।

Point of View

और इसके द्वारा किए गए प्रयासों से भारतीय ज्ञान प्रणाली को वैश्विक मंच पर लाने का एक प्रयास है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

आईआईटी मद्रास के दीक्षांत समारोह में कितने छात्रों को डिग्री मिली?
आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में 3,227 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
मुख्य अतिथि कौन थे?
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल हुए।
इस समारोह में कितनी पीएचडी डिग्रियां दी गईं?
529 पीएचडी डिग्रियां दी गईं, जिनमें से कुछ संयुक्त डिग्रियां भी थीं।
आईकेएस कॉरिडोर क्या है?
आईकेएस कॉरिडोर एक अंतरविषयक अनुसंधान केंद्र है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
इस साल आईआईटी मद्रास की खास उपलब्धियां क्या हैं?
आईआईटी मद्रास ने 100 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया और 400 से ज्यादा पेटेंट दाखिल किए।