क्या इंडिया गठबंधन के दल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों में सबसे बड़ी बाधा हैं? - सुधांशु त्रिवेदी
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा नेता ने विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- इंडिया गठबंधन के दलों की कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है।
- पारदर्शी चुनाव के लिए सभी दलों को जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता और सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने एसआईआर के संबंध में चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाने की नीति पर सवाल उठाए।
भाजपा नेता ने कहा कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि यदि कोई बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) आपसे जानकारी मांगने आए, तो उसे बंधक बना लेना चाहिए।
उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेताओं से विनम्रता से और दृढ़ता से पूछा कि क्या यह लोकतंत्र को बंधक बनाने का घृणित प्रयास नहीं है? क्या हमारे संविधान को खतरा नहीं है?
उन्होंने कहा कि जहां-जहां इंडिया गठबंधन के दल शासन करते हैं, वहां संविधान की भावना को नजरअंदाज किया जाता है। यह भी कहा कि वे कुछ संदिग्ध स्रोतों से वोट लेकर सत्ता में आते हैं।
भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के एक बूथ-लेवल एजेंट जमीरुल इस्लाम द्वारा एक बूथ-स्तरीय अधिकारी को फोन पर धमकाने के आरोपों का उल्लेख किया।
मीडिया के माध्यम से यह मामला और अन्य कई मुद्दे अब सार्वजनिक हो चुके हैं। यह भी बताया जा रहा है कि धमकियों के वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि ये हालात क्यों उत्पन्न हो रहे हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि केंद्र में नेता प्रतिपक्ष एसआईआर पर उलटे-सीधे आरोप लगा रहे हैं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान दे रही हैं। यह दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं।
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव को पारदर्शी तरीके से आयोजित करने में कोई बाधा है तो वह इंडिया गठबंधन के दल हैं। यह केवल चुनाव का मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और अस्मिता का भी है। पश्चिम बंगाल में स्थिति और भी गंभीर है। मुर्शिदाबाद में उनके नेता हुमायूं कबीर ने कहा है कि वे तथाकथित बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण कराएंगे। इस पर इंडिया गठबंधन के लोग या तो चुप हैं या समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी पूछा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के समय TMC और कांग्रेस जैसे दल मिलकर किस तरह का माहौल बना रहे हैं? बाबा साहब ने संसद में कहा था कि एसआईआर हर छह महीने में होना चाहिए ताकि चुनाव पारदर्शी तरीके से हो सकें। हम पूछते हैं कि हमारे संविधान निर्माताओं के विचारों के खिलाफ आप क्यों हैं?