क्या इंडिया पोस्ट ने एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया?

सारांश
Key Takeaways
- एपीटी सिस्टम से लेनदेन की गति में वृद्धि हुई है।
- रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- ग्राहक अनुभव में सुधार की उम्मीद है।
- डिजिटल पेमेंट का एकीकरण किया गया है।
- 1.64 लाख से अधिक डाक घरों का नेटवर्क है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया पोस्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) सिस्टम का शुभारंभ किया है। इसके द्वारा रियल-टाइम ट्रेकिंग और लेनदेन की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह जानकारी संचार मंत्रालय द्वारा बुधवार को साझा की गई।
एपीटी को आईटी 2.0 के तहत इंडिया पोस्ट के डिजिटल परिवर्तन के एक हिस्से के रूप में पेश किया गया है।
मंत्रालय ने बताया कि एपीटी सिस्टम से लेनदेन की गति, डिजिटल पेमेंट का एकीकरण, रियल-टाइम ट्रैकिंग और ग्राहक अनुभव में सुधार देखा गया है।
आगे कहा गया कि पुराने से नए सिस्टम की ओर यह परिवर्तन, अधिक तेज, स्मार्ट और ग्राहक-केंद्रित डाक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने बताया कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में 1.64 लाख से अधिक डाक घरों के विशाल नेटवर्क के कारण इस एपीटी सिस्टम के रोलआउट के पहले दिन 4 अगस्त को थोड़ी सुस्ती महसूस की गई, लेकिन तकनीकी टीम ने इसका समाधान निकाला और अगले दिन इसे सुधार लिया गया।
मंत्रालय के अनुसार, 5 अगस्त को पूरे भारत में इस नए एप्लिकेशन के माध्यम से 20 लाख से अधिक वस्तुओं की बुकिंग की गई और 25 लाख से अधिक वस्तुओं की डिलीवरी की गई।
भारतीय डाक विभाग ने कहा, "हम निर्बाध सार्वजनिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं। विभाग कार्य-निष्पादन पर कड़ी नजर रख रहा है और सुचारू एवं कुशल बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।"
इससे पहले, यह घोषणा की गई थी कि डाक विभाग डिजिटल परिवर्तन और बेहतर ग्राहक सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दिल्ली में अपना अगली पीढ़ी का एपीटी एप्लिकेशन शुरू करेगा।
मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था, "4 अगस्त को, राजधानी के 353 डाकघर और 61 शाखा डाकघर इस अपडेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।"
इसके लिए, विभाग ने सुरक्षित और निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने हेतु शनिवार, 2 अगस्त को सेवा बंद रखने की योजना बनाई थी।
डाकघर सिस्टम आवश्यक डेटा माइग्रेशन, सत्यापन और कॉन्फिगरेशन प्रक्रियाओं से गुजर रहा था, इसलिए उस दिन 414 प्रभावित स्थानों पर कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं हुआ।