क्या आईपीएस पूरन कुमार का सुसाइड मामला न्याय की तलाश में एक नई राह दिखाएगा?

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क्या आईपीएस पूरन कुमार का सुसाइड मामला न्याय की तलाश में एक नई राह दिखाएगा?

सारांश

चंडीगढ़ में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। क्या यह टीम इस संवेदनशील मामले में न्याय दिला पाएगी? पढ़ें पूरी खबर!

Key Takeaways

  • आईपीएस पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में एसआईटी का गठन किया गया है।
  • टीम का नेतृत्व आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे।
  • जांच में साक्ष्य जुटाना, गवाहों से पूछताछ शामिल हैं।
  • सुसाइड नोट में 15 अधिकारियों के नाम थे।
  • सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की भी जांच की जाएगी।

चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस टीम का नेतृत्व चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे। टीम में अन्य पांच आईपीएस और सीपीएस अधिकारी भी शामिल हैं।

एसआईटी में शामिल अन्य सदस्यों में चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप सिंह, एसपी सिटी केएम प्रियंका, डीएसपी (ट्रैफिक) चरणजीत सिंह विर्क, एसडीपीओ (साउथ) गुरजीत कौर और एसएचओ (पश्चिम) जयवीर सिंह राणा शामिल हैं। चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सागर प्रीत ने शुक्रवार को एसआईटी गठन के संबंध में आदेश जारी किया।

आदेश में कहा गया, "एफआईआर संख्या 156/2025, धारा 108/3(5) बीएनएस और 3(1)(आर) एससी/एसटी (पीओए) अधिनियम, 2013 के तहत पुलिस स्टेशन सेक्टर-11 (पश्चिम), चंडीगढ़ में आरोपों की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए आईजीपी, चंडीगढ़ की देखरेख में मामले की त्वरित, निष्पक्ष और गहन जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का तत्काल प्रभाव से गठन किया जाता है।"

आदेश के अनुसार, एसआईटी मामले में सभी पहलुओं की समयबद्ध तरीके से जांच करेगी, जिसमें साक्ष्य जुटाना, गवाहों से पूछताछ, विशेषज्ञों की राय और कानूनी सलाह जैसे विषय शामिल हैं। जांच पूरी होने पर एसआईटी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी। आदेश में यह भी बताया गया है कि एसआईटी जरूरत के अनुसार अन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों को भी शामिल कर सकती है।

2001 बैच के आईपीएस अधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार, उन्होंने अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मारी और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। अधिकारी ने 9 पन्नों का एक 'सुसाइड नोट' छोड़ा, जिसमें 15 सेवारत और पूर्व अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

चंडीगढ़ पुलिस ने उनके 'सुसाइड नोट' में नामजद लोगों के खिलाफ सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की।

फिलहाल, इस मामले पर राजनीति जारी है। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, "अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा सरकार के तहत किसे न्याय मिलेगा। एक अधिकारी, जिसने बार-बार न्याय मांगा, लेकिन उसे इनकार कर दिया गया।"

शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग चंडीगढ़ में परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा, "यह मौत अपने आप में कई सवाल खड़े करती है।"

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो। समाज में न्याय की आवश्यकता है और इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं की गहनता से जांच करनी होगी। यह न केवल पीड़ित के परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

आईपीएस पूरन कुमार का सुसाइड नोट किसके खिलाफ था?
सुसाइड नोट में 15 सेवारत और पूर्व अधिकारियों के नाम थे, जिनके खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
एसआईटी का गठन किसने किया है?
एसआईटी का गठन चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सागर प्रीत ने किया है।
इस जांच में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं?
इसमें चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप सिंह, एसपी सिटी केएम प्रियंका, डीएसपी (ट्रैफिक) चरणजीत सिंह विर्क, एसडीपीओ (साउथ) गुरजीत कौर और एसएचओ (पश्चिम) जयवीर सिंह राणा शामिल हैं।