क्या अमेरिका की शर्तें मानने से ईरान पीछे हटा? अराघची का जवाब

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क्या अमेरिका की शर्तें मानने से ईरान पीछे हटा? अराघची का जवाब

सारांश

तेहरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम पर बातचीत से इनकार किया है। उन्होंने यूरेनियम संवर्धन जारी रखने की बात कही है। जानिए ईरान की स्थिति और अमेरिका के साथ संभावित वार्ता के बारे में।

Key Takeaways

  • ईरान अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करना चाहता।
  • यूरेनियम एनरिचमेंट जारी रहेगा।
  • मिसाइल प्रोग्राम पर चर्चा नहीं की जाएगी।
  • ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग से इनकार किया।
  • संयुक्त राष्ट्र के साथ ईरान की स्थिति में बदलाव आया है।

तेहरान, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया है कि तेहरान अपने न्यूक्लियर या मिसाइल प्रोग्राम पर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक यूरेनियम एनरिच (संवर्धन) करने की अपनी क्षमता को नहीं छोड़ेगा।

अराघची ने अल जजीरा को बताया, “हम अपने मिसाइल प्रोग्राम पर कभी बातचीत नहीं करेंगे, और हम ही क्यों? कोई भी समझदार देश निशस्त्रीकरण नहीं करेगा। हम यूरेनियम एनरिचमेंट नहीं रोक सकते। जो चीज जंग से हासिल नहीं की जा सकती, वह राजनीति से भी हासिल नहीं की जा सकती। हम वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत नहीं करना चाहते, लेकिन अप्रत्यक्ष (मध्यस्थता) बातचीत के लिए एक समझौते तक पहुंच सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “हम अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर जो भी चिंताएं हैं उस पर बातचीत के लिए तैयार हैं। एक सही समझौते तक पहुंचना संभव है, लेकिन वाशिंगटन ने अस्वीकार्य और असंभव शर्तें रखी हैं।”

उन्होंने जून में देश के परमाणु ठिकानों पर इजरायल और अमेरिका के हमलों का जिक्र करते हुए कहा, “परमाणु सामग्री अभी भी मलबे (हमला किए गए परमाणु ठिकाने) के नीचे ही रही और उन्हें कहीं और ट्रांसफर नहीं किया गया। तबाही के बावजूद, तकनीक मौजूद है।”

उन्होंने कहा, “तेहरान सभी संभावनाओं के लिए तैयार है।”

बता दें कि एक दिन पहले ही मिस्र ने कहा था कि उसने ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) दोनों से तबाह हो चुके न्यूक्लियर साइट्स के निरीक्षण को लेकर चल रहे टकराव को खत्म करने का आग्रह किया है। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलट्टी ने कहा था कि उन्होंने सहयोग को फिर से शुरू करने के मकसद से अलग-अलग कॉल में अराघची और आईएईए प्रमुख राफेल ग्रॉसी से अपील की।

ईरान ने इजरायल-यूएस के साथ जून में हुई लड़ाई के बाद यूएन परमाणु निगरानी संस्था के साथ सहयोग करने से पूरी तरह मना कर दिया था।

हाल ही में, ईरान, रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद को पत्र लिखकर 2015 की संयुक्त व्यापारिक कार्य योजना को आधिकारिक तौर पर समाप्त घोषित कर दिया था। पत्र में कहा गया था कि यूएनएससी प्रस्ताव 2231 के अनुच्छेद 8 के तहत सभी प्रावधान 18 अक्टूबर 2025 के बाद समाप्त हो चुके हैं। आईआरएनए के अनुसार, यह कदम ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी (ई3) के 'स्नैपबैक' तंत्र को सक्रिय करने की आलोचना करते हुए उठाया गया था।

Point of View

मेरा मानना है कि ईरान ने अमेरिका के साथ वार्ता में जो स्थिति बनाई है, वह देश की संप्रभुता को दर्शाती है। ईरान का यह निर्णय न केवल उसके लिए बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें यह देखना होगा कि भविष्य में यह स्थिति कैसे विकसित होती है।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

ईरान क्यों अमेरिका के साथ सीधी बातचीत नहीं करना चाहता?
ईरान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि वे अमेरिका की शर्तों को अस्वीकार करते हैं और अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को जारी रखना चाहते हैं।
क्या ईरान यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा?
हां, ईरान ने कहा है कि वह यूरेनियम संवर्धन की अपनी क्षमता को समाप्त नहीं करेगा।
क्या ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत संभव है?
अराघची ने कहा है कि वे अप्रत्यक्ष बातचीत के लिए एक समझौते पर पहुंच सकते हैं।