क्या ईरान में अनिवार्य हिजाब लागू कराने को लेकर मुहिम तेज हो रही है?

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क्या ईरान में अनिवार्य हिजाब लागू कराने को लेकर मुहिम तेज हो रही है?

सारांश

ईरान में हिजाब कानून को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। न्यायपालिका के उच्चतम स्तर से निर्देश जारी हुए हैं कि सुरक्षा एजेंसियां उन समूहों की पहचान करें जो विदेशी लिंक के तहत काम कर रहे हैं। क्या ये कदम ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन को और बढ़ावा देंगे?

Key Takeaways

  • ईरान में हिजाब कानून को लेकर सख्त निर्देश जारी हुए हैं।
  • सरकार ने विदेशी लिंक वाली गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • महसा अमीनी की मौत ने हिजाब विरोधी आंदोलन को तेजी दी है।
  • सरकार की कार्रवाई से सोशल मीडिया पर असहमति रखने वालों पर असर पड़ सकता है।
  • हिजाब कानून के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

तेहरान/नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान में अनिवार्य हिजाब को लेकर सरकार ने फिर से अपना सख्त रुख अपनाया है। देश के चीफ जस्टिस गुलामहुसैन मोहसिनी एजेई ने आदेश दिया है कि प्रॉसिक्यूटर जनरल सुरक्षा और पुलिस एजेंसियों के साथ मिलकर उन "संगठित समूहों" की पहचान करें, जिन पर "विदेशी देशों से जुड़े होने" का संदेह है और जो कथित रूप से "सामाजिक अव्यवस्थाओं" में संलग्न हैं।

एतेमाद अखबार के मुताबिक, एजेई ने यह बयान शुक्रवार को कोम शहर में दिया, जिसे ईरान का प्रमुख धार्मिक केंद्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि विदेशी "दुश्मन" ईरान की सामाजिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर उन महिलाओं और ऑनलाइन सक्रिय नागरिकों के माध्यम से जो हिजाब कानून के खिलाफ आवाज उठा रही हैं।

एजेई ने कहा, "दुश्मन की कोशिशों का एक रूप नग्नता और हिजाब न पहनने के मामलों में दिखाई देता है, और दूसरा आभासी (ऑनलाइन) दुनिया में।" यहाँ हिजाब न पहनने को नग्नता के रूप में परिभाषित किया गया है।

सरकारी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि आंतरिक बहसों को बेहूदगी से न बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि इससे बाहरी ताकतों को अवसर मिल सकता है। उनका कहना था कि ईरान की छोटी-छोटी घरेलू समस्याओं को इस तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे सरकार के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सके।

उन्होंने कहा, "हमें दुश्मन की चालाकियों से सतर्क रहना चाहिए और अनजाने में उसकी पिच पर नहीं खेलना चाहिए। कोई भी छोटा घरेलू मामला इस तरह नहीं पेश होना चाहिए कि दुश्मन उसे अवसर में बदल दे।"

ईरान में पिछले दो वर्षों से हिजाब कानून सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहा है, खासकर महसा अमीनी की मृत्यु के बाद देशभर में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद। अब हाल का आदेश यह संकेत देता है कि सरकार हिजाब नियमों के उल्लंघन और सोशल मीडिया पर असहमति जताने वालों पर और कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार है।

विशेष रूप से "विदेशी लिंक" का दावा ईरानी अधिकारियों द्वारा अक्सर किया जाता रहा है, लेकिन इस बार न्यायपालिका के सर्वोच्च पद से जारी इस आदेश ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में निगरानी, गिरफ्तारी और ऑनलाइन नियंत्रण को और बढ़ाया जा सकता है।

कुल मिलाकर, एजेई के बयान और आदेश यह दर्शाते हैं कि ईरान में अनिवार्य हिजाब और ऑनलाइन अभिव्यक्ति के संबंध में सरकार अब और कठोर नीति अपनाने जा रही है।

1979 की इस्लामी क्रांति के बाद लागू किए गए नियमों के तहत, ईरान में सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने बाल हिजाब या स्कार्फ से ढंकने होते हैं और ढीले-ढाले कपड़े पहनने होते हैं।

हालांकि, तेहरान जैसे बड़े शहरों में, अब कई महिलाएं बिना सिर ढके घूमती देखी जा रही हैं। वे अक्सर जींस और स्नीकर्स पहने नजर आती हैं, जिस पर रूढ़िवादियों को सख्त आपत्ति है।

सितंबर 2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मृत्यु के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से ईरान में हिजाब न पहनने की प्रवृत्ति को बल मिला है।

Point of View

NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

ईरान में हिजाब कानून क्या है?
ईरान में सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपने बाल हिजाब या स्कार्फ से ढंकने होते हैं और ढीले-ढाले कपड़े पहनने होते हैं।
महसा अमीनी की मौत का क्या असर पड़ा?
महसा अमीनी की हत्या के बाद हिजाब कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और इससे हिजाब न पहनने की प्रवृत्ति को बल मिला।
सरकार की हालिया कार्रवाई का क्या मतलब है?
सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विदेशी लिंक वाले समूहों की पहचान करें और हिजाब कानून के उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें।
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