क्या इटावा जेल से छूटने वाले ब्राह्मणों का सम्मान करेंगे दिनेश फलाहारी?

सारांश
Key Takeaways
- ब्राह्मणों का सम्मान चांदी का मुकुट पहनाकर किया जाएगा।
- इस समारोह का उद्देश्य मातृ शक्ति के अपमान के खिलाफ खड़े होना है।
- दिनेश फलाहारी की संकल्प शक्ति से समाज में जागरूकता बढ़ेगी।
मथुरा, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। मथुरा-श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी महाराज ने इटावा के ब्राह्मणों के सम्मान की घोषणा की है। वह जेल से छूटने वाले ब्राह्मणों को चांदी का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत करेंगे।
दिनेश फलाहारी ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि इटावा में एक व्यक्ति ने अपना नाम बदलकर और पहचान छिपाकर कथा सुनाने के लिए आया था। बाद में पता चला कि वह यादव है। उसने महिलाओं से छेड़खानी की, जिसके बाद परिवार वालों ने उसकी पिटाई कर दी।
उन्होंने कहा कि मथुरा-श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि उन ब्राह्मणों को जेल से छूटने के बाद चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने मातृ शक्ति के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई है। अगर वे चुप रहते, तो उस अपराधी का मनोबल बढ़ जाता। ऐसे ब्राह्मण परिवार को सम्मानित करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जातियां श्रेष्ठ हैं, लेकिन पहचान छिपाकर कथा करना अपराध है।
फलाहारी महाराज श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद केस में मुख्य पक्षकार हैं। उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक औरंगजेब द्वारा बनाई गई मथुरा की ईदगाह मस्जिद नहीं हटेगी, तब तक न भोजन करेंगे और न ही पैरों में जूता-चप्पल पहनेंगे।
उत्तर प्रदेश के इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में 21 जून को एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई। आरोप है कि कथावाचकों ने महिलाओं से अभद्रता की और गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। इसी विवाद ने तूल पकड़ा और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों आशीष, उत्तम, प्रथम उर्फ मनु और निक्की को गिरफ्तार कर लिया।