क्या बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस पटरी से उतरने के पीछे बम विस्फोट है?

सारांश
Key Takeaways
- जाफर एक्सप्रेस ट्रेन बलूचिस्तान में एक बम विस्फोट के कारण डिरेल हुई।
- इस घटना में 12 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
- यह घटना 10 घंटे के भीतर उसी क्षेत्र में दूसरी बार हुई।
- पुलिस और सुरक्षा बल ने तुरंत घायलों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
- ट्रेन में 270 यात्री सवार थे, और मरम्मत कार्य शुरू होने वाला है।
क्वेटा, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान के मस्तुंग स्थित स्पेजंद क्षेत्र में क्वेटा की ओर जा रही जाफर एक्सप्रेस यात्री ट्रेन एक बम विस्फोट के कारण डिरेल हो गई। इस घटना में महिलाओं और बच्चों सहित 12 लोग घायल हुए। यह क्षेत्र में 10 घंटे के भीतर हुआ दूसरा बम विस्फोट था।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन के अनुसार, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पेशावर से क्वेटा जा रही ट्रेन के छह डिब्बे विस्फोट के बाद पटरी से उतर गए और एक पलट गया, जिससे यात्रियों को चोटें आईं।
यह विस्फोट मंगलवार सुबह बलूचिस्तान को अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले मुख्य ट्रैक के निकट हुआ, ठीक उसी समय जब जाफर एक्सप्रेस क्वेटा रेलवे स्टेशन से रवाना होने की तैयारी कर रही थी। ट्रेन को कुछ समय के लिए रोका गया था, लेकिन सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद इसे आगे बढ़ने की अनुमति दी गई, क्योंकि ट्रैक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब क्वेटा जाने वाली ट्रेन स्पेजंद क्षेत्र से गुजर रही थी, तब ट्रैक पर रखा एक विस्फोटक ब्लास्ट हो गया।
विस्फोट के बाद, सुरक्षा बल और पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के समय ट्रेन में 270 यात्री मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बुधवार को सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद पटरी के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत की जाएगी, इस दौरान रेल सेवाएं बाधित रहेंगी।
इस वर्ष की शुरुआत में, बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की मजीद ब्रिगेड ने अगवा कर लिया था और 400 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था।
11 मार्च को बलूचिस्तान के बोलन दर्रे के ढाबर इलाके में पटरी उड़ा दिए जाने के बाद ट्रेन को रोकना पड़ा था। सुरक्षा बलों और रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि बोलन दर्रे की सुरंग संख्या 8 के पास ट्रेन पर हमला हुआ था। 24 घंटे से अधिक समय तक चले इस गतिरोध के बाद बीएलए ने दावा किया था कि उसने अपहृत सुरक्षाकर्मियों में से करीब 20 को उनके पहचान पत्रों की जांच के बाद मार गिराया था।