क्या भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने ममता बनर्जी पर राष्ट्र-विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- जगन्नाथ सरकार ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बंगाल की सीमा पर घुसपैठ की समस्या पर चिंता जताई गई।
- उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की जीत का दावा किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी की सादगी पर चर्चा हुई।
- जीएसटी सुधारों पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने पश्चिम बंगाल में घुसपैठ के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी राष्ट्र-विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रही हैं।
जगन्नाथ सरकार ने कहा, "पश्चिम बंगाल की सीमा बांग्लादेश से जुड़ी हुई है और कई क्षेत्रों में बाड़ लगाने का कार्य अभी भी अधूरा है। बंगाल की सरकार, विशेषकर ममता बनर्जी, राष्ट्र-विरोधी ताकतों का समर्थन कर रही हैं। अधिकांश अशांति और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां वहीं से शुरू होती हैं। प्रशासन ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को फर्जी वोटर कार्ड जारी किए हैं, जिससे उन्हें वोट देने का अधिकार मिला है। ऐसे लोगों को हटाया जाना चाहिए, लेकिन ममता बनर्जी इनके समर्थन से लगातार चुनाव जीत रही हैं।"
उपराष्ट्रपति चुनाव पर जगन्नाथ सरकार ने एनडीए उम्मीदवार की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, "उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत निश्चित है। हमारे पास ज्यादा सांसद हैं। वोट मांगना सभी का अधिकार है, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और सभी का इसमें भाग लेना उचित है। लेकिन, हमें पूरा भरोसा है कि हमारा उम्मीदवार जीतेगा।"
जगन्नाथ सरकार ने भाजपा कार्यशाला में प्रधानमंत्री मोदी के अंतिम पंक्ति में बैठने को सादगी बताया। उन्होंने कहा, "पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था, वह मेरे पीछे बैठे थे। प्रधानमंत्री का यही स्वभाव है, वह इतना काम करते हैं, लेकिन कभी व्यक्तिगत श्रेय नहीं लेते हैं।"
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद परिसर स्थित जीएमसी बालयोगी सभागार में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सादगी का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला। उन्होंने साथी सांसदों के बीच अंतिम पंक्ति में बैठने का विकल्प चुना। पीएम मोदी एक सामान्य सांसद की तरह सबसे पीछे की पंक्ति में बैठे हुए नजर आए।
कार्यशाला में केंद्र सरकार के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को सर्वसम्मति से पारित करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया।