क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेहराज मलिक अदालत या सरकारी अनुमति के बाद सत्र में शामिल हो सकते हैं?

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क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेहराज मलिक अदालत या सरकारी अनुमति के बाद सत्र में शामिल हो सकते हैं?

सारांश

जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा है कि जेल में बंद विधायक मेहराज मलिक यदि आगामी सत्र में भाग लेते हैं, तो यह एक स्वागत योग्य कदम होगा, परंतु यह फैसला अदालत या सरकार की अनुमति पर निर्भर करेगा। जानिए इस मुद्दे की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष ने मेहराज मलिक की उपस्थिति पर चर्चा की।
  • मलिक को कानूनी अनुमति लेनी होगी।
  • विधानसभा का आगामी सत्र 23 अक्टूबर को होगा।
  • पीएसए के तहत मलिक की हिरासत की जानकारी दी गई।
  • पारा के मामले पर अभी निर्णय आना बाकी है।

श्रीनगर, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने शुक्रवार को कहा कि अगर जेल में बंद डोडा विधायक मेहराज मलिक आगामी सत्र में भाग लेते हैं तो यह एक स्वागत योग्य कदम होगा। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय अदालत या सरकार पर निर्भर करेगा। राथर ने बताया कि मलिक को कानूनी माध्यमों से अनुमति लेनी होगी।

उन्होंने कहा, "उन्हें अदालत का रुख करना होगा, या यदि सरकार उन्हें अनुमति देती है, तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार या अदालत उन्हें अनुमति देती है या नहीं।"

पीडीपी विधायक वहीद पारा के मामले पर, राथर ने पुष्टि की कि उनके खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस अभी भी विचाराधीन है। उन्होंने कहा, "पारा ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है और मामला विचाराधीन है।"

अध्यक्ष ने आगे कहा कि पारा ने पहले यह दावा करते हुए गलत सूचना फैलाई थी कि विधानसभा सचिवालय ने डोडा विधायक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को मंजूरी दे दी है, जो उन्होंने स्पष्ट किया कि गलत था।

अध्यक्ष ने कहा, "सचिवालय के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है। पीएसए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगाया जाता है।"

अध्यक्ष ने बताया कि उपराज्यपाल द्वारा 23 अक्टूबर को बुलाया गया जम्मू-कश्मीर विधानसभा का आगामी सत्र छोटा होगा और जल्द ही एक अनंतिम कैलेंडर जारी किया जाएगा।

डोडा विधायक मलिक को जिला मजिस्ट्रेट ने उनकी गतिविधियों को जिले में शांति और व्यवस्था के लिए हानिकारक बताते हुए जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया था। यह अधिनियम किसी व्यक्ति को बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के अधिकतम दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

मलिक ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार के रूप में डोडा से 2024 का विधानसभा चुनाव जीता और 90 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि बने।

उन्होंने शुरुआत में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार का समर्थन किया था, लेकिन बाद में यह आरोप लगाते हुए अपना समर्थन वापस ले लिया कि सरकार मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।

Point of View

लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी कानूनी प्रावधानों का सम्मान किया जाए।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

मेहराज मलिक किस पार्टी के विधायक हैं?
मेहराज मलिक आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक हैं।
क्या मलिक बिना अनुमति सत्र में शामिल हो सकते हैं?
नहीं, मलिक को अदालत या सरकार से अनुमति लेनी होगी।
पीएसए क्या है?
जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) किसी व्यक्ति को बिना न्यायिक हस्तक्षेप के हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
अध्यक्ष ने पारा के मामले पर क्या कहा?
अध्यक्ष ने बताया कि पारा के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस अभी भी विचाराधीन है।
अगला विधानसभा सत्र कब होगा?
अगला विधानसभा सत्र 23 अक्टूबर को होगा।