क्या जम्मू-कश्मीर में कृषि तकनीशियनों की भर्ती में अनियमितता है?

सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में छात्रों का प्रदर्शन
- कृषि तकनीशियनों की भर्ती में अनियमितता
- प्रदर्शनकारियों की मांगें
- भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
- बेरोजगारी की बढ़ती समस्या
जम्मू, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रेस क्लब जम्मू में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन कृषि उत्पादन विभाग में तकनीशियन भर्ती में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ था। प्रदर्शनकारी छात्रों और प्रतियोगियों ने भर्ती में हो रही अनियमितताओं को समाप्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने भर्ती नियमों में किए गए दो महत्वपूर्ण संशोधनों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वे आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहले एसआरओ-179 के तहत इस गजटेड कैडर में सीधी भर्ती और प्रमोशन का अनुपात 50:50 था। 2007 में लागू एसआईओ-433 ने इस अनुपात को बदलकर सीधी भर्ती के लिए 20 प्रतिशत और प्रमोशन के लिए 80 प्रतिशत कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस संशोधन के बाद भी वर्ष 2025 तक सीधी भर्ती के 20 प्रतिशत कोटे के अंतर्गत कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया, जबकि विभाग में सैकड़ों पद खाली हैं। इसके बावजूद सभी पद केवल प्रमोशन के आधार पर भरे जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एसआईओ-442 के कारण 500 से अधिक जूनियर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर पद रिक्त हैं, लेकिन सीधी भर्ती के लिए संदर्भित नहीं किए जा रहे हैं। ये नीतियाँ कृषि और संबंधित विज्ञानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट डिग्री धारक युवा पेशेवरों के अवसरों को बुरी तरह बाधित कर रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन नीतियों के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और समस्या को हल करने के लिए कोई सुन नहीं रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि सरकार बनने के बाद भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है, जो सभी के हित में नहीं है। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। पिछले दस सालों से हम परेशान हैं; पढ़ाई के बाद भी हमें नौकरी नहीं मिल रही है। हमें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। जिन लोगों की सेटिंग है, उन्हें रखा जा रहा है।