क्या जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए उपराज्यपाल ने एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया?

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क्या जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए उपराज्यपाल ने एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया?

सारांश

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल उनकी सहायता के लिए खासतौर पर बनाया गया है, जिससे उन्हें तेजी से मदद मिल सके। जानें इस पहल के बारे में और इससे प्रभावित परिवारों को क्या लाभ होगा।

Key Takeaways

  • आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए विशेष पोर्टल का लॉन्च
  • त्वरित सहायता, नौकरी और वित्तीय मदद प्रदान करने का लक्ष्य
  • जम्मू और कश्मीर में हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध
  • केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन की सुविधा
  • फर्जी दावों के खिलाफ सुरक्षा

श्रीनगर, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के लिए एक विशेष पोर्टल की शुरुआत की। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता, नौकरी और वित्तीय मदद प्रदान करना है।

उपराज्यपाल ने कहा, "यह पहल आतंकवाद से पीड़ित परिवारों को राहत, नौकरी और अन्य सहायता जल्द से जल्द पहुंचाने में मदद करेगी।"

यह वेब पोर्टल गृह विभाग और नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के सहयोग से विकसित किया गया है। यह एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य करेगा, जो जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में आतंकवाद से प्रभावित परिवारों का व्यापक डेटा एकत्र और प्रबंधित करेगा।

इसमें पीड़ितों या उनके परिजनों की संपत्ति पर अतिक्रमण से संबंधित जानकारी भी दर्ज की जाएगी। पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी वास्तविक मामला छूटे नहीं और पात्र परिवारों को समय पर वित्तीय सहायता, मुआवजा और नौकरी मिले। साथ ही, यह फर्जी या दोहरे दावों को रोकने में भी मदद करेगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा स्वयं पूरे केंद्र शासित प्रदेश में इन मामलों की निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत हर पीड़ित परिवार तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जम्मू (0191-2478995) और कश्मीर (0194-2487777) संभागों में टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं। ये हेल्पलाइन पीड़ित परिवारों की शिकायतों और लंबित दावों को दर्ज करने के लिए बनाई गई हैं।

इन पर प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात हैं, जो हर दावे को औपचारिक रूप से दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। लंबित और हल हुए मामलों की नियमित निगरानी के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के कार्यालयों में विशेष निगरानी सेल बनाए गए हैं। ये सेल समय-समय पर मामलों की स्थिति की समीक्षा करेंगे, देरी या अड़चनों का विश्लेषण करेंगे और संबंधित विभागों के साथ मिलकर दावों का समय पर और निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अतल दुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप के. भंडारी, सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव एम. राजू, कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी, जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक वी.के. बिरदी, जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन तुती और एनआईसी के एसआईओ जसकरण सिंह मोदी उपस्थित थे।

Point of View

बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी पात्र व्यक्ति को सहायता से वंचित न रखा जाए। ऐसे समय में जब स्थिति बहुत संवेदनशील है, यह कदम निश्चित रूप से एक सहायक भूमिका निभाएगा।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता, नौकरी और वित्तीय मदद प्रदान करना है।
क्या पोर्टल पर शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं?
हाँ, पोर्टल पर पीड़ित परिवार की शिकायतें और लंबित दावें दर्ज किए जा सकते हैं।
क्या इस पोर्टल के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर है?
हाँ, जम्मू और कश्मीर में टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं: 0191-2478995 और 0194-2487777।
यह पोर्टल किसके सहयोग से बनाया गया है?
यह पोर्टल गृह विभाग और नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के सहयोग से विकसित किया गया है।
क्या यह पोर्टल फर्जी दावों को रोकने में मदद करेगा?
हाँ, यह पोर्टल फर्जी या दोहरे दावों को रोकने में भी मदद करेगा।