क्या सरकार श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करने में सफल होगी?: जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री
सारांश
Key Takeaways
- सरकार का लक्ष्य श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करना है।
- महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित किया गया है।
- नए श्रम कानूनों से श्रमिकों को नियमित वेतन और नौकरी की स्थिरता मिलेगी।
श्रीनगर, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूरे देश में लागू की गई नई श्रम संहिताओं को श्रमिकों के जीवन, सुरक्षा और समृद्धि के लिए एक ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है। इसी संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य दिहाड़ी मजदूरों, दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों और औद्योगिक श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों को सुदृढ़ बनाना है।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी श्रमिक को असुरक्षा या शोषण का सामना न करना पड़े। सुरिंदर कुमार चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू नियमों के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में विधानसभा में कई नए अधिनियम पारित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा, नियमित वेतन व्यवस्था और नौकरी की स्थिरता प्रदान करना है। इन परिवर्तनों के परिणाम अब ज़मीन पर दिखने लगे हैं, जिससे श्रमिकों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है।
महिला श्रमिकों की सुरक्षा पर चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की उद्योग में महिलाओं के रात के समय कार्य करने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने बताया कि बड़े शहरों में जहां मॉल रात में भी खुलते हैं, वहां महिलाओं की नाइट शिफ्ट आम बात है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह पहले नहीं थी। अब यदि उद्योगों में महिलाएं रात में काम करती हैं, तो उन्हें सुरक्षित घर से कार्यस्थल तक पहुँचाने और वापस लाने की पूरी जिम्मेदारी नियोक्ता की होगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी कर्मचारी को हटाने से पहले अब उचित नोटिस देना भी अनिवार्य होगा।
सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में श्रम सुधारों के क्षेत्र में कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन यह सुधारों का अंतिम चरण नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि इन सुधारों में कुछ कमियां हो सकती हैं और भविष्य में इन्हें और बेहतर बनाने की पूरी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि सरकार चुने हुए प्रतिनिधियों की है और वह किसी भी आवश्यक बदलाव या सुधार को अपनाने में पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि हर योजना और बदलाव का लाभ सीधे लोगों के घरों तक पहुंचे और श्रमिकों को महसूस हो कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन श्रमिकों की सुरक्षा, अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आगे भी आवश्यकता पड़ने पर किसी भी नियम को बदला जा सकता है, क्योंकि यह पत्थर की लकीर नहीं है।