क्या जम्मू-कश्मीर में मियां अब्दुल कयूम की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया गया?
सारांश
Key Takeaways
- मियां अब्दुल कयूम की संपत्ति कुर्क की गई है।
- उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
- पुलिस की कार्रवाई का उद्देश्य कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
श्रीनगर, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद से संबंधित एक मामले में मियां अब्दुल कयूम की संपत्ति को कुर्क करने का निर्णय लिया है।
यह कार्रवाई उन पर लगे आरोपों के कारण की गई है, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता और भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देना शामिल है। मियां कयूम को 31 दिसंबर 2009 को शहीदगंज पुलिस थाने में दर्ज एक एफआईआर के तहत आरोपी बनाया गया था, जिसमें उन्हें कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी गतिविधियों में शामिल पाया गया।
सूत्रों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2009 को होटल जहांगीर, श्रीनगर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था, जिसमें मुस्लिम लीग के उपाध्यक्ष फिरोज अहमद खान और अन्य अलगाववादी नेताओं ने भारत के खिलाफ भाषण दिए थे। इस सेमिनार में आसिया अंद्राबी, शब्बीर अहमद नजर, और मियां अब्दुल कयूम जैसे प्रमुख अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर के भविष्य को पाकिस्तान से जोड़ने और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी कानून लागू करने की बात की।
उनके भाषणों और नारेबाजी ने उपस्थित लोगों को भारत की अखंडता के खिलाफ भड़काया और कश्मीर को भारत से अलग करने की अपील की। इस घटना के बाद शहीदगंज पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120, 120-बी, 121, 153-ए और यूएपीए की धारा 13 के तहत आरोप लगाए गए।
जांच के दौरान, पुलिस ने मियां कयूम के निवास पर छापेमारी की, जहां से प्रतिबंधित साहित्य, हिज्बुल मुजाहिदीन के लेटरहेड, एक प्रेस नोट और उर्दू में एक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किया गया। इन दस्तावेजों में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की सामग्री थी।
पुलिस ने इस संबंध में मियां कयूम और अन्य आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत कार्रवाई की है।
इसके साथ ही, श्रीनगर पुलिस ने बुधवार को शहर भर में प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े आतंकवादी सहयोगियों और ओवर-ग्राउंड वर्कर्स के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने और जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की छापेमारी और कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है।