क्या जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में विस्फोट की घटना ने सुरक्षा को चुनौती दी?
सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में हुआ विस्फोट 9 लोगों की जान ले गया।
- उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं।
- डीजीपी ने आतंकवादी संबंधों को खारिज किया।
- विस्फोट के कारण आसपास की इमारतों को नुकसान हुआ।
- प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया गया।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए एक भयंकर विस्फोट में 9 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
उपराज्यपाल के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि शुक्रवार रात को हुए इस आकस्मिक विस्फोट में शहीद हुए पुलिसकर्मियों, राजस्व अधिकारियों और एक नागरिक को श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा, "राष्ट्र उनकी निस्वार्थ सेवा और कर्तव्य पर सर्वोच्च बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।"
श्रीनगर जिले के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए इस विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। इसके अलावा, 29 अन्य लोग भी घायल हुए हैं। आधिकारिक स्रोतों ने इस जानकारी की पुष्टि की है।
उपराज्यपाल ने घटना के कारणों की जांच के लिए आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, "सरकार दिवंगतों के परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है।"
डीजीपी नलिन प्रभात ने किसी भी प्रकार के आतंकवादी संबंध को खारिज करते हुए कहा कि घटना के कारणों पर अन्य धारणाएं केवल अनावश्यक अटकलें हैं। उन्होंने बताया कि भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से लाई गई थी और उसे खुली जगह पर सुरक्षित रखा गया था।
इस विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और विस्फोट की आवाज 5-10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। घटना के कारण पुलिस स्टेशन में खड़े कई वाहनों में आग भी लग गई, जिसके बाद दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।