क्या जमशेदपुर की अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा में गबन और वसूली के आरोप सही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- महासभा के आंतरिक विवाद ने गंभीर मोड़ लिया है।
- गबन और वसूली के आरोप समाज में चर्चा का विषय बने हैं।
- पूर्व महासचिव मनोज गुप्ता ने सफाई दी है।
- राकेश साहू ने जांच की मांग की है।
- समाज में पारदर्शिता की आवश्यकता।
जमशेदपुर, १५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जमशेदपुर में अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा के आंतरिक विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। महासभा के अध्यक्ष राकेश साहू ने पूर्व महासचिव मनोज गुप्ता पर समाज के धन का गबन करने और एक समानांतर संगठन बनाकर समाज के सदस्यों से अवैध वसूली करने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने इस मामले की जांच के लिए जिला उपायुक्त को एक पत्र सौंपा है। राकेश साहू ने बताया कि वर्ष २०२० में महासभा के आम चुनाव में मनोज गुप्ता महासचिव बने थे, लेकिन डेढ़ साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के समय उन्होंने महासभा के आय-व्यय का कोई ब्योरा नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने अलग संगठन बनाकर समाज के लोगों से लाखों रुपये की अवैध वसूली की, जिसकी शिकायत उपायुक्त से की गई है।
वहीं, पूर्व महासचिव मनोज गुप्ता ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। उनका कहना है कि वे चुनाव के माध्यम से महासचिव बने थे, लेकिन महासभा में हो रहे अनियमितताओं के विरोध में इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने आय-व्यय का पूर्ण लेखा रखने और समय पर ऑडिट कराने की मांग उठाई थी, लेकिन पदाधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मनोज गुप्ता ने वर्तमान में महासभा की गतिविधियों के खिलाफ एक विभागीय शिकायत दर्ज कराई है, जिसकी जांच चल रही है। उनका आरोप है कि इसी जांच के कारण पदाधिकारी उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। इस विवाद ने महासभा के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है, जिससे समाज के लोगों में चर्चा का माहौल बना हुआ है।