क्या जामताड़ा के लोग साइबर सुरक्षा के गुर सीखेंगे और तकनीकी रूप से दक्ष बनेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- जामताड़ा में साइबर सुरक्षा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।
- स्थानीय शिक्षकों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी जा रही है।
- बच्चों को साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा।
- जिले के 72 विद्यालयों को चिह्नित किया गया है।
- जामताड़ा को अब साइबर क्राइम के बदले साइबर सिक्योरिटी के रूप में जाना जाएगा।
जामताड़ा, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के जामताड़ा में साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता फैलाने और प्रशिक्षण देने के लिए एक दो दिवसीय राष्ट्रीय तकनीकी केंद्र कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। केंद्र सरकार जामताड़ा को साइबर अपराध के लिए बदनाम कर रही है और अब इसे साइबर सुरक्षा का केंद्र बनाने के लिए प्रयास कर रही है।
पटना के नेशनल इनफॉर्मेटिक सेंटर से प्रशिक्षक जामताड़ा में जाकर जिले के 72 विद्यालयों के शिक्षकों को साइबर अपराध और तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी देकर उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाएंगे।
समाहरणालय स्थित एसजीएसआई प्रशिक्षण भवन में बुधवार को साइबर सिक्योरिटी क्लब का उद्घाटन समारोह और दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। उपायुक्त रवि आनंद ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जामताड़ा के एसपी राजकुमार मेहता और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में जाकर बच्चों को साइबर अपराध से जुड़े कानूनी पहलुओं और तकनीकी जानकारी देंगे, ताकि वे इन अपराधों से सुरक्षित रह सकें। जामताड़ा के पुलिस अधिकारियों को भी इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जामताड़ा के पुलिस कप्तान राजकुमार मेहता ने कहा कि अब जामताड़ा को साइबर क्राइम के रूप में नहीं, बल्कि साइबर सिक्योरिटी के रूप में जाना जाएगा। दो दिवसीय साइबर सिक्योरिटी मास्टर ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है, जिसके बाद यह सभी मास्टर ट्रेनर अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। जिले के सभी 72 विद्यालयों को चिह्नित किया गया है, और वहां के प्रधानाध्यापकों को साइबर सिक्योरिटी से संबंधित जानकारी दी जा रही है, जिससे बच्चे साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें और साइबर अपराध से बचे रह सकें।